Surat: अमूल द्वारा प्रदूषण के ख़िलाफ़ बड़ी पहल 'अमूल क्लीन फ्यूल' बाइक रैली का आयोजन
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर 'बजाज' के सहयोग से 'अमूल' द्वारा 'स्वच्छ ईंधन रैली' का आयोजन
सूरत शहर में आज राष्ट्रीय दूध दिवस के अवसर पर बजाज ऑटो के सहयोग से अमूल द्वारा अमूल क्लीन फ्यूल बाइक रैली का आयोजन किया गया जिसमें 12 राइडर और अमूल की सहयोगी टीम के साथ पुणे से लेकर पश्चिम मुंबई सूरत आनंद होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
यह रैली भारत के भरोसेमंद ब्रांड अमूल और बजाज ऑटो को साथ लेकर आई है, ताकि डेयरी किसानों के योगदान को सम्मानित किया जा सके, जो दुनिया की पहली CNG मोटरसाइकिल बजाज फ्रीडम को ऊर्जा प्रदान करने के लिए संधारणीय बायो CNG का उत्पादन करते हैं। 15 नवंबर को पुणे और 19 नवंबर को जम्मू में शुरू होने वाली यह रैली 26 नवंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाने के लिए समाप्त होगी।
यह 'स्वच्छ ईंधन रैली' की मेजबानी करने के लिए गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (GCMMF) और बजाज ऑटो के साथ साझेदारी की है। और रैली में स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया, जो इस वर्ष की थीम "एक सतत और आत्मनिर्भर भारत के लिए सहकारिता" के अनुरूप है।
सर्व प्रथम यह रैली पुणे में बजाज ऑटो प्लांट से शुरू हुई। बजाज ऑटो द्वारा समर्थित इस रैली में बजाज फ्रीडम 125 को पेश किया गया, जो दुनिया की पहली CNG-संचालित मोटरसाइकिल है। 2 किलो के CNG टैंक और 2 लीटर के पेट्रोल टैंक वाली एक अभिनव डिजाइन वाली यह बाइक CNG पर 102 किमी/किलोग्राम और पेट्रोल पर 65 किमी/लीटर का असाधारण माइलेज देती है, जो इसे दक्षता और पर्यावरण-मित्रता का प्रतीक बनाती है। सूरत से आनंद और दिल्ली जैसे शहरों से होकर 1,678 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, इस रैली का उद्देश्य सहकारी मूल्यों का जश्न मनाते हुए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
इस पहल का समापन राष्ट्रीय दुग्ध दिवस, 26 नवंबर, 2024 को दिल्ली में होगा, जिसमें “श्वेत क्रांति के जनक” डॉ. वर्गीस कुरियन की विरासत का सम्मान किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान भारत के डेयरी उद्योग को बदलने में उनके अग्रणी प्रयासों और अमूल तथा ऑपरेशन फ्लड के साथ उनके काम को याद किया जाता है, जो सहकारी क्षेत्र में टिकाऊ प्रथाओं के महत्व को रेखांकित करता है।
सूरत में आज बाइक रैली शुरू करने से पहले सचित पटेल ने कहा कि यह रैली न केवल डॉ. कुरियन के योगदान का सम्मान करती है, बल्कि नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने में सहकारी क्षेत्र की क्षमता की एक शक्तिशाली याद भी दिलाती है।