Aryan Bangar Sex Change: पूर्व भारतीय कोच संजय बांगर का बेटा लड़के से लड़की बना: आर्यन से अनाया
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर अपने बेटे आर्यन के अनाया बनने के सफर की वजह से सुर्खियों में हैं। हाल ही में संजय बांगर के बेटे ने सेक्स चेंज ऑपरेशन करवाया और अनाया बन गया। उसने सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा साझा की। उसकी कहानी तेज़ी से वायरल हुई और सभी प्लेटफॉर्म पर नेटिज़ेंस की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
हाल ही में आर्यन ने हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई है। सर्जरी के पश्चात् उन्होंने अपना नाम आर्यन से बदलकर अनाया रख लिया। यानी, आर्यन, जो कि 10 महीने पहले तक एक लड़का था, अब एक लड़की बन चुकी हैं। आर्यन ने अपने 10 महीने के हार्मोनल ट्रांसफॉर्मेशन के सफर को इंस्टाग्राम पर साझा किया। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, "छोटी उम्र से ही क्रिकेट हमेशा मेरी जिंदगी का हिस्सा रहा है। बड़े होते हुए, मैंने अपने पिता को देश का प्रतिनिधित्व करते एवं कोचिंग करते देखा।" आगे उन्होंने कहा, "जल्द ही मैंने उनके नक्शेकदम पर चलने का सपना देखना आरम्भ कर दिया। उन्होंने खेल के प्रति जुनून, अनुशासन एवं समर्पण दिखाया, जो मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक था। क्रिकेट मेरा प्यार, मेरी महत्वाकांक्षा और मेरा भविष्य बन गया। मैंने अपना पूरा जीवन अपने कौशल को निखारने में बिताया है।"
आर्यन, अब अनाया, ने अपने अकाउंट "अनायाबंगर" के ज़रिए इंस्टाग्राम पर अपनी नई पहचान पेश की। एक भावपूर्ण पोस्ट में, उसने व्यक्त किया, "ताकत खो रही हूँ लेकिन खुशी पा रही हूँ। शरीर बदल रहा है, डिस्फ़ोरिया कम हो रहा है... अभी भी एक लंबा सफ़र तय करना है, लेकिन हर कदम मुझे अपने जैसा लगता है।" अनाया ने पिछले 11 महीनों में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) के प्रभावों को भी दर्ज किया, जिसमें उसके शरीर, ताकत और समग्र खुशी में परिवर्तन दिखाया गया।
हालांकि, अपने बदलाव के सफर में, अनाया को ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है जो उसके सपने को जटिल बनाती हैं। उन्होंने खुलासा किया, "हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) पर एक ट्रांस महिला के रूप में, मेरे शरीर में काफी बदलाव आया है। मैं मांसपेशियों, ताकत और एथलेटिक क्षमताओं को खो रही हूं, जिन पर मैं कभी निर्भर थी। जिस खेल से मैं इतने लंबे समय से प्यार करती थी, वह मुझसे दूर हो रहा है।" अनाया ने ट्रांसजेंडर एथलीटों के लिए व्यवस्थागत बाधाओं पर भी प्रकाश डाला, उन्होंने बताया कि महिला क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पुरुष यौवन से पहले बदलाव की आवश्यकता होती है, एक ऐसा मानक जो वर्तमान कानून नाबालिगों के लिए असंभव बनाता है।