भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी: भारत-पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब समझौते को 5 साल के लिए बढ़ाया
भारत और पाकिस्तान ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर अगले पांच साल के लिए समझौते को रिन्यू किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार हमारे सिख समुदाय को उनके पवित्र स्थलों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करना जारी रखेगी।
ये जगह पाकिस्तान के पंजाब के नारोवाल जिले में आती है। यहीं पर करतारपुर बसा हुआ है। ये जगह लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है और भारत-पाकिस्तान सीमा से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस समझौते की समय सीमा बढ़ाने से भारतीय श्रद्धालु बिना किसी रुकावट के गुरुद्वारे के दर्शन कर सकेंगे। भारत ने पाकिस्तान से यह भी अपील की है कि वह हर तीर्थयात्री से ली जाने वाली 20 अमेरिकी डॉलर की सेवा शुल्क को हटाए। भारत पहले भी पाकिस्तान से इस शुल्क को हटाने का अनुरोध कर चुका है।
क्या है करतारपुर साहिब?
करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से जाना जाता है। ये सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है, क्योंकि यहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के आखिरी वर्ष बिताए थे। यहां नानक जी ने 16 सालों तक अपना जीवन बिताया था। बाद में इसी जगह पर गुरु नानक देव ने अपनी देह त्यागी। जिसके बाद यहां गुरुद्वारा दरबार साहिब बनाया गया।