चार धाम यात्रा की शुरूआत: क्या करें, कैसे करें और क्या जरुर सामान ले चले ?
इस 10 मई से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा की शुरूआत हो गई और इसी के साथ इस यात्रा के चारों धामों यानी चारों मंदिरों- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खुल गए। हिंदू धर्म में यह चार धाम यात्रा सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है। करीब छह महीने तक चलने वाली इस तीर्थ यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
इसे छोटी चार धाम यात्रा भी कहते हैं। आदि शंकराचार्य ने देश के चारों कोनों में जो चार पवित्र तीर्थ स्थल स्थापित किए गए थे, उनकी यात्रा भी चार धाम यात्रा ही कहलाती है। देश के चारों कोनों में स्थित ये चार धाम हैं- उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात में द्वारका, उड़ीसा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम।
उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को तीर्थयात्री पैदल या घोड़े-खच्चर की मदद से करते हैं। वहीं कुछ यात्री हेलिकॉप्टर से भी चार धाम यात्रा पूरी करते हैं।
चार धाम यात्रा सदियों से एक लोकप्रिय तीर्थयात्रा रही है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों इसकी लोकप्रियता में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। बहुत से लोग चार धाम यात्रा पर जाना चाहते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव के कारण यात्रा शुरू ही नहीं कर पाते।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे चार धाम यात्रा की। साथ ही जानेंगे कि-
चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?
कहां से यात्रा की शुरूआत करनी चाहिए?
यात्रा की तैयारी और यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां क्या हैं?
सवाल- चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?
जवाब- इस यात्रा पर जाने वाले सभी तीर्थ यात्रियों के लिए बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके लिए यात्री ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
इसके अलावा उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDV) की ओर से रजिस्ट्रेशन के लिए टोल फ्री नंबर और वॉट्सऐप नंबर भी जारी किया गया है। यह रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से फ्री है।