SURAT: दशहरा के पहले खाद्य विभाग द्वारा हलवाई की दुकानों के लिए गए सैंपल
विजयदशमी का त्योहार काफी महत्व रखता है. नौ दिन की नवरात्रि खत्म होने पर दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. इस दिन रावण का पुतला जलाकर अच्छाई पर बुराई की जीत का जश्न मनाया जाता है. जगह-जगह मेले लगे होते हैं, शहरों में दशहरा की अलग धूम नजर आती है. इस दिन लोग सुबह-सुबह फाफड़ा और जलेबी का नाश्ता करते हैं. हलवाई की दुकान से लेकर घरों तक में फाफड़ा और जलेबी की खुशबू आ रही होती है. इसी कारण जलेबी और फाफड़ा की बिकरी भी आसमान छू लेती है.
सूरत में दशहरे के दिन करोड़ों रुपये की फाफड़ा और जलेबी की बिक्री होती है। यह फाफड़ा-जलेबी लोगों के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं या नहीं, यह जानने के लिए सूरत महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग ने फाफड़ा-जलेबी के सेम्पल लेना शुरू कर दिया है। आज सुबह से सूरत पालिका के खाद्य विभाग द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में फाफड़ा और जलेबी बेचने वाले व्यापारियों से सेम्पल लेना शुरू किया गया है। इसका परीक्षण लैब में किया जाएगा। अगर कोई नमूना परीक्षण में असफल होता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
खानपान के शौकीन सूरतवासी दशहरे के दिन फाफड़ा-जलेबी के साथ अन्य फरसाण भी खूब खरीदते हैं। सूरत में करोड़ों रुपये की फाफड़ा-जलेबी की बिक्री होती है। ऐसे में कुछ व्यापारियों द्वारा मिलावट की जाने की आशंका होती है। ऐसे व्यापारियों के खिलाफ पालिका के स्वास्थ्य विभाग ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में फाफड़ा और जलेबी की बिक्री करने वाली दुकानों पर छापेमारी की।
TPC मशीन का उपयोग
सूरत महा नगर पालिका के खाद्य विभाग ने फाफड़ा-जलेबी के सेम्पल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे हैं। तो दूसरी ओर, कुछ व्यापारी एक ही तेल में बार-बार फाफड़ा-जलेबी बनाते हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न होता है। इसी कारण इस बार पालिका के खाद्य विभाग ने तेल की गुणवत्ता की जांच के लिए TPC मशीन का उपयोग किया है।
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