Rajasthan: जोधपुर में Congo Fever से एक महिला की मौत, जाने कैसे फैला वायरस ?

Rajasthan: जोधपुर में Congo Fever से एक महिला की मौत, जाने कैसे फैला वायरस ?
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-10-10 14:58:00

राजस्थान में कॉंगो फीवर के प्रवेश के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है जोधपुर की रहने वाली 51 वर्षीय महिला की कॉंगो फीवर से मौत हो गई। यह मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने राज्यभर में रोकथाम और बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कॉंगो बुखार एक जानलेवा बीमारी है, जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बीमारी के फैलाव को रोका जा सके।

जोधपुर निवासी 51 वर्षीय महिला अहमदाबाद के NHI म्युनिसिपल मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रही थी। महिला कॉंगो फीवर से पीड़ित थी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में की गई जांच में इस बात की पुष्टि हुई है। बुधवार को मरारवार के दौरान उसकी मौत हो गई। पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा कि जयपुर के चीफ मेडिकल और हेल्थ ऑफिसर को प्रभावित क्षेत्र में टीम भेजकर रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही संदिग्ध और लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए।

Jodhpur woman dies of Congo fever Medical department team Survey in  Rajasthan village ANN | जोधपुर में कांगो फीवर से महिला की मौत के बाद मचा  हड़कंप, गांव पहुंची चिकित्सा विभाग की

यह बीमारी सबसे पहले 1944 में क्रीमिया नामक देश में देखी गई थी। इसके कारण इसे क्रीमियन हेमरजिक फीवर नाम दिया गया। लेकिन 1969 में पता चला कि क्रीमियन हेमरजिक फीवर का कारण वही है जो 1956 में कॉंगो में हुई बीमारी का कारण था। इसके बाद इसे नया नाम दिया गया- क्रीमियन-कॉंगो हेमरजिक फीवर!

कॉंगो बुखार क्या है?

कॉंगो बुखार का पूरा नाम क्रीमियन-कॉंगो हेमरजिक फीवर (CCHF) है। यह बुखार जो इंसानों के लिए जानलेवा है, जानवरों से इंसानों में फैलता है। कॉंगो बुखार एक जूनोटिक वायरस द्वारा फैलने वाली बीमारी है, जो मुख्य रूप से टिक्स बाइट यानी कीड़ों के काटने से फैलती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए राज्य के पशुपालन विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पशुओं के माध्यम से इस रोग के फैलने की संभावना को रोका जा सके।

कौन से लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएं?

इस वायरस से संक्रमित मरीजों में बुखार के साथ मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ मरीजों को धूप से परेशानी होती है और आंखों में सूजन रहती है। संक्रमण के 2 से 4 दिन बाद नींद न आना, डिप्रेशन और पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है। मुंह, गले और त्वचा पर फोड़े होने से हृदय गति भी बढ़ सकती है।

Rajasthan: Congo fever hits Rajasthan government issues alert after woman's  death|Rajasthan: राजस्‍थान में कांगो बुखार की दस्‍तक, महिला की मौत के बाद  सरकार ने जारी किया अलर्ट

यह कैसे फैलता है?

कॉंगो बुखार एक जूनोटिक वायरस द्वारा फैलने वाली बीमारी है, जो मुख्य रूप से टिक्स बाइट यानी छोटे कीड़ों के काटने से फैलती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए राज्य के पशुपालन विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पशुओं के माध्यम से इस रोग के फैलने की संभावना को रोका जा सके।

खासकर पशुपालक लोगों में इस बुखार की संभावना अधिक होती है। कॉंगो बुखार विषाणुजनित रोग है। पशुओं की त्वचा पर 'हाइमोल' नामक परजीवी पाया जाता है जो इस बीमारी का वाहक होता है। आश्चर्य की बात यह है कि यह बुखार जिस विषाणु से होता है, वह जिस परजीवी में रहता है, उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। यानी जिस पशु पर यह रहता है, उसे यह बीमारी नहीं होती।

आप JHBNEWS हिंदी को यहां सोशल मीडिया पर फ़ॉलो कर सकते हैं

  • फेसबुक पर JHBNEWS हिंदी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
  • यहां इंस्टाग्राम पर JHBNEWS हिंदी को फॉलो करें।
  • यूट्यूब पर JHBNEWS हिंदी वीड़ियो देखने के लिए यहां क्लिक करें।
  • JHBNEWS हिंदी को ट्विटर पर फ़ॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
  • हमारे WHATSAPP पर JHBNEWS हिंदी से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।