GUJARAT: दाहोद बलात्कार और हत्या मामला में 12 दिन में 1700 पन्नों की चार्जशीट तैयार, मंत्री हर्ष सांघवी ने क्या कहा ?

GUJARAT: दाहोद बलात्कार और हत्या मामला में 12 दिन में 1700 पन्नों की चार्जशीट तैयार, मंत्री हर्ष सांघवी ने क्या कहा ?
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-10-03 16:31:32

गुजरात के दाहोद में एक हिला देने वाली खबर सामने आई है। यहां के सरकारी प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल ने एक 6 साल की बच्ची की हत्या कर दी। प्रिंसिपल ने बच्ची का रेप करने की कोशिश की। इस दौरान बच्ची चिल्लाई और भागने लगी। प्रिंसिपल को लगा कि वह फंस सकता है इसलिए उसने बच्ची का गला दबाकर उसे मार डाला। उसने पुलिस से बचने के लिए कहानी भी गढ़ी लेकिन आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना ने लड़की के माता-पिता के साथ-साथ पूरे गांव को चौंका दिया, क्योंकि 50 वर्षीय प्रिंसिपल गोविंद पिछले 18 वर्षों से स्कूल से जुड़ा था।

बच्ची के साथ रेप करने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ 1700 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है. गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि पुख्ता सबूतों के आधार पर घटना के 12 दिनों के भीतर यह कार्रवाई की गई. राज्य सरकार ने इस मामले की त्वरित सुनवाई के लिए अमित नायर को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है.

दाहोद बलात्कार और हत्या मामला; गुजरात पुलिस ने रिकॉर्ड 12 दिनों के भीतर मजबूत आरोपपत्र दायर किया | देशगुजरात

हर्ष सांघवी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, गुजरात पुलिस को FSL की मदद से अपराध से संबंधित आवश्यक वैज्ञानिक सबूत मिले और आरोपियों को दंडित करने के लिए एक मजबूत आरोप पत्र दायर किया। कुल 1700 पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई है जिसमे 15 गवाहों से पूछताछ की गई. पूरे मामले में स्पेशल पीपी श्री अमित नायर को नियुक्त किया गया.

मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि चार्जशीट में डिजिटल साक्ष्य, फोरेंसिक DNA विश्लेषण, फोरेंसिक बायोलॉजिकल विश्लेषण को शामिल किया गया है. इसकी खास बात यह है कि इस बार एपिथेलियल कोशिकाएं त्वचा और शरीर के आंतरिक भागों में पाई जाने वाली कोशिकाएं हैं, जो बहुत कम मात्रा में पाई जा सकती हैं। जब किसी अपराध के दौरान ऐसी कोशिकाएं पाई जाती हैं, तो डीएनए परीक्षण से संदिग्ध के अपराध में शामिल होने की पुष्टि हो जाती है यदि संदिग्ध का डीएनए इन कोशिकाओं से मेल खाता है। यह तकनीक अपराध में संदिग्धों की पहचान करने और शारीरिक संपर्क से सूक्ष्म साक्ष्य का उपयोग करके अपराध को साबित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस मामले में फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक ड्रोन अपराध स्थल प्रोफाइलिंग और फोरेंसिक स्टेटमेंट विश्लेषण भी किया गया है। जिसके तहत सड़क का वीडियो लेकर, वीडियो और सभी गवाहों के बयान का अध्ययन कर मनोवैज्ञानिक राय दी जाएगी कि यह घटना कैसे हुई।

आप JHBNEWS हिंदी को यहां सोशल मीडिया पर फ़ॉलो कर सकते हैं

  • फेसबुक पर JHBNEWS हिंदी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
  • यहां इंस्टाग्राम पर JHBNEWS हिंदी को फॉलो करें।
  • यूट्यूब पर JHBNEWS हिंदी वीड़ियो देखने के लिए यहां क्लिक करें।
  • JHBNEWS हिंदी को ट्विटर पर फ़ॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
  • हमारे WHATSAPP पर JHBNEWS हिंदी से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।