महर्षि आस्तिक ऋषि मंदिर के आस-पास से मटन मार्केट हटाने के लिए बजरंग सेना का आवेदन
बजरंग सेना द्वारा सुरत में महर्षि आस्तिक ऋषि मंदिर परिसर के आस-पास मीट की दुकान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है मीट की दुकान बंद करवाने को लेकर गोड़ादरा पुलिस थाना को में आवदेन पत्र दिया गया। बजरंग सेना के सभी कार्यकर्ता हाथ में झंडा और 'जय श्री राम' का नारा लगाते हुए सुरत शहर के गोड़ादरा पुलिस में 500 से अधिक कार्यकर्ता और अधिकारी मिलाकर आवदेन पत्र दिया गया l
बजरंग सेना के प्रमुख पंचदेव सिंह ने कहा कि महर्षि आस्तिक ऋषि मंदिर परिसर के बगल में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से मीट बाजार चलाया जा रहा है और इसे धीरे-धीरे बड़ी मटन मंडी के रूप में बनाने की साजिश की जा रही है। गोडादरा पुलिस पुलिस इंस्पेटर एच एस आचार्या को आवेदन सौंपकर महर्षि आस्तिक मंदिर के बगल अवैध रूप से चल रहे मीट बाजार को सम्पूर्ण रूप से बंद करने हेतु आवेदन सौंपा जाएगा l महर्षि आस्तिक ऋषि मंदिर के जाने वाले श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही है प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी महर्षि आस्तिक ऋषि मंदिर के वर्षगांठ पर हर वर्ष की भांति बड़े धूमधाम से पूजा पाठ एवं मेला का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रतिदिन कई लाख श्रद्धालु महर्षि आस्तिक ऋषि के पूजा अर्चना और दर्शन करने हेतु पहुंचते हैं और मेले का भी आनंद उठाते हैं .
महर्षि आस्तिक धाम के चारों तरफ लगभग 4 से 5 किलोमीटर तक संपूर्णतहः हिंदू समाज रहता है और मंदिर में प्रत्येक वर्ष लगभग 25 से 30 लाख भक्ति दर्शन करने आते हैं मंदिर के पावन वर्षगांठ पर प्रत्येक वर्ष महा पूजन एवं साप्ताहिक मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें प्रत्येक दिन 1 से 2 लाख भक्त आते हैं और महर्षि आस्तिक ऋषि की पूजा अर्चना करते हैं और मेले का आनंद उठाते हैं वर्षगांठ के अवसर पर संपूर्ण क्षेत्र लगभग तीन से चार किलोमीटर तक भक्ति भाव से भरा हुआ रहता है क्षेत्र के सभी मंदिरों का केंद्र होने के कारण वर्षगांठ के महीने से ही क्षेत्र में कई विशाल कलश यात्रा निकाली जाती है और सभी कलश यात्राएं इसी पवित्र आस्तिक ऋषि धाम से ही निकाली जाती है परंतु दुखद बात यह है कि इतने बड़े पवन धाम होने के बावजूद मंदिर परिषद के ठीक बगल में बहुत बड़े विस्तार में विधर्मियो द्वारा अवैध रूप से बूचड़खाना चलाया जा रहा है
इससे भक्तों को आवागमन में अत्यंत भयावह दृश्य देखना पड़ता है और आवागमन मार्ग के बीच में अवैध बूचड़खाना होने के कारण अनेको ऋषि मुनियों एवम भक्तों की आस्था आहत होती है। वर्षगांठ के समय, कलश यात्रा के समय अथवा अन्य किसी धार्मिक आयोजन में भक्तों की भीड़ बढ़ने पर अवैध बूचड़खाना चलने वाले कसाइयों विधर्मियों द्वारा जानबूझकर मुठभेड़ करके माहौल खराब करने की कोशिश की जाती है.
यह स्थान कुछ वर्ष पहले मात्र सब्जी मंडी थी परंतु अब पूर्ण रूप से बूचड़खाना में तब्दील हो गया है और यह धीरे-धीरे बढ़ते जा रहा है एवं इन कसाइयों द्वारा हर समय कोई न कोई ऐसा कार्य करने की कोशिश की जाती है जिससे भक्तों की आस्था आहत हो ।जैसे मार्ग में मांस के टुकड़े फेंक देना, महिलाओं बहन-बेटियों को गलत नजर से देखकर गलत-गलत टिप्पणियां करना, कुत्तों को मांस के टुकड़े फेंकना, जिसे कुत्ते खींच कर बिखेरते है एवम मंदिर के द्वारा तक कई बार ले जाते हैं, अनेक पक्षी जैसे कौवे द्वारा कई बार मांस के टुकड़े को मंदिर परिषद के अंदर एवं मंदिर के शिकार पर ले जाते हैं जिसकी शिकायत कसाइयों से करने पर मुठभेड़ करने को तैयार रहते हैं
आपको याद करा दूं कि वर्तमान में जिस जगह पर अवैध बूचड़खाना चलाया जा रहा है उसके ठीक बीच में नगर प्राथमिक आंगनवाड़ी क्रमांक 77 है जिसमें क्षेत्र के छोटे-छोटे बच्चे शिक्षण हेतु जाते हैं जो अवैध बूचड़खाने से काफी पुराना है और क्षेत्र की नगर प्राथमिक विद्यालय का आवागमन मार्ग भी इसी अवैध बूचड़खाने से होकर निकलता है जिससे विद्यार्थियों एवं छोटे बच्चों पर उन भयावह दृश्यो का बुरा प्रभाव पड़ता है