SURAT: इकोनॉमिक रीजन के 'आर्थिक विकास योजना' का शुभारंभ, मुख्यमंत्री ने कहा की सूरत गुजरात का विकास इंजन है
सूरत और इसके आसपास के नवसारी, भरूच, डांग, तापी तथा वलसाड जिलों से बने 'सूरत इकोनॉमिक रीजन' की महत्वाकांक्षी 'आर्थिक विकास योजना' का सूरत से शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि भावी विकास का मास्टर प्लान सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि राज्य के छह जिलों के आर्थिक परिदृश्य में बड़े बदलाव लाने की प्रतिबद्धता है। जिसमें विकास के आधारभूत क्षेत्रों जैसे सतत कृषि, रियल एस्टेट, पर्यटन, आईटी, लॉजिस्टिक्स आदि क्षेत्रों के विकास की संभावनाएं भी उजागर हुई हैं।
सूरत के डुमस रोड स्थित ली मेरिडियन होटल में आयोजित समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों, शिक्षाविदों, हीरा-टेक्सटाइल, डाइंग एंड प्रिंटिंग, जेम्स एंड ज्वैलरी, स्वास्थ्य, होटल संघ, सहकारी क्षेत्र, चीनी मिलों, एपीएमसी, फूड प्रोसेसिंग, एक्वा फार्मिंग, GIDC के अध्यक्षों, क्रेडाई, सीए, सोलर एनर्जी जैसे विभिन्न प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री श्री और गणमान्य व्यक्तियों ने आर्थिक विकास योजना का अनावरण किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल
- 》सूरत क्षेत्र की 'आर्थिक विकास योजना' 'विकसित गुजरात से विकसित भारत' का लक्ष्य प्राप्त करेगी।
- 》2047 तक भारत को $30 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शहरी क्षेत्रों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने की केंद्र की पहल सराहनीय है।
- 》राज्य सरकार ने गुजरात की अर्थव्यवस्था को 2047 तक 3.5 ट्रिलियन डॉलर और 34 लाख नई रोजगार अवसरों का सृजन करने का लक्ष्य रखा है।
- 》राज्य में सीमित संसाधनों को हमने विकास के स्रोतों में परिवर्तित किया है।
सूरत क्षेत्र का तेज और सतत विकास करना केंद्र सरकार का उद्देश्य है, जिसे पूरा करने के लिए गुजरात तैयार है। गुजरात के विकास मॉडल को यह पहल नई ऊर्जा प्रदान करेगी और प्रोत्साहित करेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 'विकसित भारत @ 2047' के तहत राज्य सरकार ने गुजरात की अर्थव्यवस्था को 2047 तक 3.5 ट्रिलियन डॉलर बनाने और 34 लाख नई रोजगार अवसरों का सृजन करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री के दिशा निर्देशन में गुजरात देश का विकास इंजन बन चुका है, जबकि गुजरात का विकास इंजन सूरत है। सूरत ने राज्य की आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में एक विशेष पहचान बनाई है।
अब अमृतकाल में विकसित गुजरात बनाकर हम विकास में योगदान देकर देश में अग्रणी बने रहने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, नीति आयोग के तहत सूरत ने देश की पहली आर्थिक विकास योजना बनाई है, तब यह योजना 'विकसित गुजरात से विकसित भारत' के लक्ष्य को पूरा करेगी। केंद्र की ग्रोथ हब पहल प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत @ 2047' के विजन के तहत 2047 तक भारत को $30 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शहरी क्षेत्रों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने की एक पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार, सूरत स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर योजना बनाई और नीति आयोग द्वारा इस योजना के चयन के लिए आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री जिस सूरत को 'लघु भारत' कहते हैं, उस सूरत और इसके आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास के विजन के साथ नीति आयोग ने एक विशेष पहल की है। उत्तर गुजरात, सौराष्ट्र और मध्य गुजरात के अन्य क्षेत्रों के लिए भी भविष्य में ऐसे ही मास्टर प्लान तैयार किए जाएंगे। राज्य की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का 36% हिस्सा है, जबकि सूरत की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान 55% है। इस सफलता के पीछे टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी, डायमंड, केमिकल एंड डाईज जैसे पारंपरिक उद्योगों का योगदान है, इसका जिक्र करते हुए उन्होंने गर्व व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के विजन को ध्यान में रखते हुए कहा कि 'विकसित गुजरात @ 2047' का लक्ष्य राज्य सरकार का एक अनोखा विजन है, जिसे निर्धारित समय से पहले ही पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आधारित और सेक्टर स्पेसिफिक नीतियों के कारण गुजरात देश-विदेश के निवेशकों के लिए निवेश की पहली पसंद बन गया है। बेहतरीन लॉजिस्टिक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की प्रधानमंत्री द्वारा दी गई परंपरा से गुजरात देश के विकास का रोल मॉडल बन गया है। राज्य में हमें विरासत में मिले सीमित संसाधनों को हमने विकास के स्रोतों में बदला है। प्रधानमंत्री ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में गुजरात में शुरू की गई 'वाइब्रेंट समिट' से गुजरात ने दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग हब, ऑटो हब, फार्मा हब, सेमीकंडक्टर हब के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 1960 के बाद के दशकों तक गुजरात का विकास वलसाड से तापी के बेल्ट तक सीमित था। समुद्र, रण, पहाड़ों वाले गुजरात में उस समय विकास की कोई संभावना नहीं थी। बिजली, पानी, सड़क, इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई स्थान नहीं था, लेकिन पिछले दो दशकों में गुजरात ने विकास की रफ्तार पकड़ी है। 2001 से लेकर अब तक के विकास को मापा जाए तो गुजरात ने विकास का नया मापदंड पेश किया है। यह आर्थिक विकास योजना सूरत और आसपास के पांच जिलों के विकास का रोडमैप तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षों के विकास को ध्यान में रखते हुए डेवेलपमेंट एक्शन प्लान के साथ हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। राज्य के विकास विजन को और तेजी से साकार करने के लिए नीति आयोग के पैटर्न पर गुजरात राज्य इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (GRIT) भी कार्यरत है। सूरत रीजन के समग्र विकास में सूरत शहर का महत्वपूर्ण योगदान होगा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि भारत सरकार ने सूरत पर जताए गए विश्वास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष आभार व्यक्त किया।
Live: સુરત ઇકોનોમિક રિજિયન G-Hub ના ઇકોનોમિક માસ્ટર પ્લાનનું લોન્ચિંગ. https://t.co/svMDKABFU0
— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) September 19, 2024