'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-09-18 15:48:37

केंद्रीय कैबिनेट ने One Nation, One Election' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में लंबे समय से चल रही कवायद आगे बढ़ती दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बुधवार को भारत में "एक राष्ट्र, एक चुनाव" के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने मार्च में 'One Nation, One Election' की संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के मुताबिक पहले कदम के तौर पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए. समिति ने आगे सिफारिश की कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ होने के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव भी होने चाहिए। साथ ही देशभर में सभी स्तरों पर चुनाव एक निश्चित अवधि के भीतर कराए जा सकेंगे। वर्तमान में राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग होते हैं।

पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक समिति ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे पर 62 दलों से संपर्क किया और जवाब देने वाले 47 राजनीतिक दलों में से 32 दलों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया। इस रिपोर्ट के मुताबिक कुल 15 पार्टियों ने कोई जवाब नहीं दिया.

इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान 'One Nation, One Election' लागू करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, ''हम इस सरकार के कार्यकाल के दौरान 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की व्यवस्था लागू करने की योजना बना रहे हैं.'' गौरतलब है कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बीजेपी द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए बड़े वादों में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी समय से 'One Nation, One Election' के पक्षधर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मैं सभी से एक राष्ट्र, एक चुनाव के संकल्प को हासिल करने के लिए एकजुट होने का आग्रह करता हूं, जो समय की मांग है।' लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर कहा था कि हर राज्य की सरकार को पांच साल तक शासन करना चाहिए और इस दौरान चुनाव नहीं होने चाहिए. मैं हमेशा कहता हूं कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने में होने चाहिए।' इससे चुनाव प्रबंधन पर होने वाला खर्च कम हो जायेगा.