बांग्लादेश में नई सरकार द्वारा हिंदू शिक्षकों के जबरदस्ती इस्तीफे का दावा
बांग्लादेश: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में लगातार बढ़ रहे है। हाल का मामला वहां बच्चों को पढ़ाने वाले हिंदू शिक्षकों का है। बांग्लादेश में नई सरकार के तहत हिंदू शिक्षकों के बल जबरी इस्तीफे का दावा किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वहां के शिक्षकों को सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उनके इस्तीफे उनके पास से बल जबरी तरीके से लिए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश में अब तक कम से कम 50 हिंदू शिक्षकों को अपनी नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है।
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के वादों के बावजूद बांग्लादेश में हिंदू विरोधी घटनाएं बढ़ रही हैं। इस कारण बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों के बीच भय और लाचारी की भावना स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।
काबी नजरुल विश्वविद्यालय के पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और गवर्नेंस स्टडीज विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शांजय कुमार मुखर्जी ने बताया कि उन्हें प्रॉक्टर और विभाग के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। हम इस समय बहुत असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन एकता परिषद की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र एकता परिषद ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस कार्रवाई की निंदा की और हिंदू समुदाय द्वारा सामना की जा रही बढ़ती असहिष्णुता पर चर्चा की। लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सेना समर्थित मोहम्मद यूनुस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पत्रकारों, मंत्रियों और पूर्व सरकारी अधिकारियों की हत्या की जा रही है, अत्याचार किए जा रहे हैं, जेल में डाला जा रहा है। जनरल जेडए अहमदी मुस्लिम उद्योगों को आग लगाई गई है। सूफी मुसलमानों के मजार और दरगाह इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा ध्वस्त कर दिए गए हैं, लेकिन यूनुस इसके खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं।