Hanooman AI platform: भारत में लॉन्च हुआ हनुमान AI, 98 भाषाओं में देगा जवाब, इस प्रकार करे डाउनलोड

Hanooman AI platform: भारत में लॉन्च हुआ हनुमान AI, 98 भाषाओं में देगा जवाब, इस प्रकार करे डाउनलोड
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-05-11 20:50:10

भारत में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म हनुमान एआई (Hanooman AI) लॉन्च हो गया है। इस जेनएआई चैटबॉट को 12 भारतीय भाषाओं सहित 98 ग्लोबल भाषाओं के सपोर्ट के साथ पेश किया गया है। अबू धाबी की एआई निवेश कंपनी 3एआई होल्डिंग लिमिटेड और एसएमएल इंडिया ने हनुमान एआई को लॉन्च किया है।

3AI होल्डिंग लिमिटेड और SML इंडिया ने (Hanooman AI) को लॉन्च किया है। हनुमान को लेकर दावा है कि यह देश का सबसे शानदार और किफायती एआईटूल है। हनुमान एआई के साथ 12 भारतीय भाषाओं और 98 वैश्विक भाषाओं का सपोर्ट है। इस टूल का नाम हनुमान रखने के पीछे की कहानी भगवान हनुमान की शक्ति से जुड़ी है। हनुमान एआई को लेकर दावा किया जा रहा है कि अगले एक साल में इसके यूजर्स की संख्या 20 करोड़ होगी l

हनुमान एआई (Hanooman AI) को 98 ग्लोबल भाषाओं के सपोर्ट के साथ पेश किया गया है। इसके अलावा इसे 12 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करने के लिए भी डिजाइन किया गया है। इन भाषाओं में हिंदी, मराठी, गुजराती, बंगाली, कन्नड़, उड़िया, पंजाबी, असमिया, तमिल, तेलुगु, मलयालम और सिंधी शामिल हैं।

क्या है हनुमान एआई?

हनुमान एआई (Hanooman AI) ChatGPT के जैसे ही जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है, यो सवालों के जवाब दे सकता है। कंपनी के अनुसार, जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म हनुमान का लक्ष्य पहले वर्ष में 200 मिलियन यूजर्स तक पहुंचना है। यह भारत में पहले से ही डाउनलोड के लिए उपलब्ध है और वेब के माध्यम से तथा प्ले स्टोर पर एंड्रॉयड यूजर्स के लिए मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध है। यानी आप (Hanooman AI) को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। एक iOS वर्जन जल्द ही ऐप स्टोर पर आने वाला है।

जेन एआई प्लेटफॉर्म यूजर्स को टेक्स्ट, आवाज, फोटो और कोड सहित अपनी मल्टी मॉडल और मल्टी लैंग्वेज परफॉर्म कर सकता है। 3AI होल्डिंग के एमडी अर्जुन प्रसाद ने एक बयान में कहा, "SML इंडिया के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से, हम यूजर्स के विविध स्पेक्ट्रम को पूरा करने का प्रयास करते हैं, जिससे AI को उनकी जातीयता या स्थान की परवाह किए बिना सभी के लिए समावेशी और उपलब्ध बनाया जा सके।