Lok Sabha Election : वाराणसी में नामांकन के लिए श्याम रंगीला को नहीं मिला पर्चा!, चुनाव आयोग से शिकायत

Lok Sabha Election : वाराणसी में नामांकन के लिए श्याम रंगीला को नहीं मिला पर्चा!, चुनाव आयोग से शिकायत
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-05-11 20:08:03

कॉमेडियन श्याम रंगीला ने बीते दिनों वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। हालांकि अब श्याम रंगीला को नामांकन फॉर्म नहीं मिल पा रहा है और उन्होंने इसे लेकर वाराणसी जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही श्याम रंगीला ने वाराणसी से पर्चा न मिलने पर चुनाव आयोग से भी इस मामले को लेकर दिशानिर्देश जारी करने को कहा है.

श्याम रंगीला ने कहा वाराणसी में नामांकन फॉर्म प्राप्त करने की प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी गई है कि फॉर्म लेना बहुत ज़्यादा मुश्किल हो गया है, घंटों लाइन में लगने के बाद चुनाव कार्यालय से कहा गया कि आप दस प्रस्तावकों के आधार कार्ड की कॉपी (हस्ताक्षर समेत) और उनके फ़ोन नंबर पहले दीजिए तभी फॉर्म के लिये ट्रेज़री चालान फ़ॉर्म मिलेगा, जबकि ऐसा कोई प्रावधान चुनाव आयोग के नियमों में नहीं है। दरअसल श्यान रंगील को नामांकन फॉर्म नहीं दिया गया है, क्योंकि उनके पास 10 प्रस्तावक नहीं थे।

श्याम रंगीला के इस पोस्ट को शेयर करने के बाद लोगों द्वारा कमेंट करके कहा जाने लगा कि श्याम रंगीला के पास 10 प्रस्तावक नहीं हैं और वो चले हैं चुनाव लड़ने। इसके बाद श्यान रंगीला ने एक अन्य पोस्ट शेयर किया। इसे शेयर करते हुए श्याम रंगीला ने लिखा, 'देशवासियों को जानकारी के लिए बता दें कि हमारे पास दस प्रस्तावक है लेकिन उनकी जानकारी नामांकन फॉर्म मिलने के बाद ,उसे भरकर जमा करवाते समय ही चुनाव आयोग को दी जाती है, लेकिन यहां ये जानकारी हमसे फॉर्म देने से पहले ही मांग रहे है, क्यों? नियमों के विपरीत हमारे प्रस्तावकों की जानकारी फॉर्म से पहले ही प्राप्त करके इनका आगे का इरादा क्या है ? हम क्यों चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत चलें ?' 

देशवासियों को जानकारी के लिए बता दें कि हमारे पास दस प्रस्तावक है लेकिन उनकी जानकारी नामांकन फॉर्म मिलने के बाद ,उसे भरकर जमा करवाते समय ही चुनाव आयोग को दी जाती है, लेकिन यहाँ ये जानकारी हमसे फॉर्म देने से पहले ही माँग रहे है, क्यों? नियमों के विपरीत हमारे प्रस्तावकों की जानकारी फॉर्म से पहले ही प्राप्त करके इनका आगे का इरादा क्या है ? हम क्यों चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत चलें ?