गुजरात सरकार भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों की बेनामी संपत्ति करेगी जब्त: भूपेंद्र पटेल
गांधीनगर: गुजरात विधानसभा का मानसून सत्र 21 से 23 अगस्त तक आयोजित होने वाला है। अब राज्य सरकार भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कानून बनाने वाली है। जिसके लिये आज गांधीनगर में CM भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई जिसमें इस कानून के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा हुई।
राजकोट नगर पालिका के टाउन प्लानर मनसुख सगाथिया और अहमदाबाद नगर पालिका के हर्षद भोजक के पास से लाखों की नकद मिलने से राज्य सरकार हैरान है। जिसके चलते अब राज्य सरकार भ्रष्ट अधिकारियों की बेनामी संपत्ति जब्त करने के लिए कानून बनाने की मीटिंग कर रही है।आज गांधीनगर में CM भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता में मिली बैठक में कानून और गृह विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।सरकारी अधिकारियों के बढ़ते भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक्शन मोड में आ गई है। खासकर ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की बेनामी संपत्ति जब्त करने का कानून गुजरात में लागू किया जा सकता है। इस कानून को अंतिम रूप देने के लिये मीटिंग शुरू कर दी गई है।
50 साल के आसपास अधिकारियों को रिटायर करने पर विचार
राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव अश्विनी कुमार ने एक सोगन नामा किया है जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि प्रशासनिक प्रक्रिया में शामिल 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के अधिकारियों को उनकी कार्य क्षमता को देखते हुए जल्दी सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए। हालाँकि, रिपोर्ट में यह एक सिर्फ सुझाव दिया गया है। जो कैबिनेट में चर्चा के अंत में अंतिम फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा 3 साल से एक ही पद पर कार्यरत कर्मचारी या अधिकारी को जल्द से जल्द बदला जाए। वडोदरा हरणी कांड के मद्देनजर रखते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टेंडर प्रक्रिया में बेदर कारि को लेकर नाराजगी जताई है। साथ ही मे सरकार को इस संबंध में गंभीरता से कार्रवाई करने की सलाह भी दी।