Surat: मुकेश दलाल के खिलाफ याचिकाएं दाखिल, निर्विरोध निर्वाचित भाजपा सांसद को गुजरात हाईकोर्ट ने बेजा सम्मन
2024 के लोकसभा चुनाव में सूरत सबसे ज्यादा चर्चित सीट बन गई. देश में पहला लोकसभा चुनाव निर्विरोध घोषित हुआ। फॉर्म भरने में त्रुटियों के कारण कांग्रेस प्रत्याशी का फॉर्म रद्द हो गया तो अन्य निर्दलीय और अन्य राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवारों ने भी अपना फॉर्म वापस ले लिया. इस पूरी घटना के पीछे कई आरोप-प्रत्यारोप लगे. याचिका के बाद हाईकोर्ट ने मुकेश दलाल को तलब किया है. हालांकि, मिली जानकारी के मुताबिक सांसद ने कहा है कि उन्हें समन नहीं मिला है. तब याचिकाकर्ता का कहना है कि जब आपको और हमें मिला तो उन्हें क्यों नहीं?
गुजरात हाई कोर्ट ने सूरत लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर उन्हें समन जारी किया है. याचिकाकर्ताओं के वकील पीएस चंपानेरी ने रविवार (28 जुलाई) को कहा कि 25 जुलाई को मामला सुनवाई के लिए आने के बाद न्यायमूर्ति जेसी दोशी की अदालत ने दलाल को समन जारी कर 9 अगस्त तक जवाब देने का निर्देश दिया.
किस दलील पर समन जारी हुआ?
याचिकाकर्ताओं के वकील पीएस चंपानेरी ने आज रविवार को इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि याचिका में दलील दी गई कि हस्ताक्षरों का सत्यापन करना कलेक्टर का काम नहीं होता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर देते हुए तर्क दिया कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और इस वजह से किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों के लिए उसके पास प्रस्तावकों की कोई कमी नहीं है। कांग्रेस के प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन उनके प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में विसंगतियों के आधार पर खारिज कर दिया गया था, जिन्होंने हलफनामा दायर कर दावा किया था कि उन्होंने पेपर पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उनके डमी उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन भी इसी कारण से अमान्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद सूरत कलेक्टर और चुनाव अधिकारी सौरभ पारधी ने दलाल को विजयी होने का प्रमाण पत्र सौंप दिया गया।
22 अप्रैल को मुकेश दलाल को मिला था प्रमाण पत्र
मुकेश दलाल पिछले 12 वर्षों में निर्विरोध लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले उम्मीदवार बने. हाल ही में संपन्न आम चुनावों में उनकी बीजेपी के लिए पहली जीत थी, जिसके परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे. जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी सौरभ पारधी ने 22 अप्रैल को नामांकन वापस लेने के आखिरी घंटे में मुकेश दलाल को चुनाव का प्रमाण पत्र सौंपा.