अक्षय तृतीया का दिन क्यों माना जाता है इतना शुभ? जाने क्या करते है इस दिन
वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं और शुभ परिणाम देते हैं. इन दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय होता है. अक्षय तृतीया पर मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी और दान-पुण्य के कार्य भी शुभ माने गए हैं.
विशेषकर सोना खरीदना इस दिन सबसे ज्यादा शुभ होता है. इससे धन की प्राप्ति और दान का पुण्य अक्षय बना रहता है. इस साल अक्षय तृतीया का त्योहार शुक्रवार, 10 मई को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं कि आखिर अक्षय तृतीया की तिथि को इतना शुभ क्यों माना जाता है.
अक्षय तृतीया का महत्व
ऐसी मान्यताएं हैं कि अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी की चीजें खरीदने से जातक का भाग्योदय होता है. इसके अलावा, पवित्र नदियों में स्नान, दान, ब्राह्मण भोज, श्राद्ध कर्म, यज्ञ और ईश्वर की उपासना जैसे उत्तम कार्य इस तिथि पर अक्षय फलदायी माने गए हैं. धार्मिक मान्यता अनुसार, इस दिन शुरू किया गया कोई भी कार्य आसानी से संपन्न हो जाता है. इस दिन आप शुभ मुहूर्त देखे बिना कोई भी कार्य संपन्न कर सकते हैं.
इस दिन को क्या किया जाता है?
अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर लोग सोना, चांदी और अन्य कीमती धातुएं खरीदते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कुबेर को भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा ने आशीर्वाद दिया था और उन्हें स्वर्ग की संपत्ति का रक्षक बनाया गया था। लोग इस दिन को कई अनुष्ठानों के साथ मनाते हैं। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से लेकर विवाह, सगाई या व्यवसाय जैसे शुभ काम शुरू करने तक। लोग इस दिन संपत्ति खरीदना या कोई नया उद्यम शुरू करना भी पसंद करते हैं।