क्यों विवादो से घिरी IAS पूजा खेडकर, दिव्यांग केटेगरी में सिलेक्शन, वायरल हुआ मॉक इंटरव्यू, जानिए पूरा मामल
IAS अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों सुर्खियों में हैं। अपने प्रोबेशन पीरियड के दौरान वह विवादों में घिर गईं और अब उनके चयन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. दरअसल, सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने दावा किया था कि वह मानसिक रूप से विकलांग हैं और उन्हें आंखों की भी समस्या है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि बिना किसी टेस्ट के उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया, जिस पर अब विवाद हो रहा है.
IAS पूजा खेडकर के चयन पर क्या है विवाद?
पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा के दौरान एक हलफनामा दायर कर दावा किया था कि वह मानसिक रूप से विकलांग हैं और उन्हें आंखों की समस्या भी है। इस दावे के चलते पूजा खेडकर को चयन में रियायत दी गई और कम अंकों के बावजूद उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया. विवाद इस बात को लेकर है कि पूजा खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर किसी न किसी कारण से मेडिकल जांच में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था. हालाँकि, उनका चयन हो गया।
वीआईपी डिमांड को लेकर आईएएस पूजा खेडकर निशाने पर आ गईं
आईएएस पूजा खेडकर पर पुणे में परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी के रूप में काम करते समय सत्ता के दुरुपयोग का आरोप है। कहा जा रहा है कि उन्होंने कई विशेषाधिकारों की मांग की जो प्रोबेशन अधिकारियों को नहीं मिलते. आईएएस पूजा अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करती थीं और उस पर लाल बत्ती लगाती थीं। उन्होंने आधिकारिक कारों, आवास, कार्यालय कक्ष और अतिरिक्त कर्मचारियों की भी मांग की। यह भी आरोप है कि जब अपर कलेक्टर छुट्टी पर थे तो आईएएस पूजा खेडकर ने उनके चैंबर पर कब्जा कर लिया और वहां अपनी नेमप्लेट लगा ली. पुणे के कलेक्टर ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की, जिसके बाद आईएएस पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया है.
IAS Officer Dr.Pooja Khedkar issue needs to be investigated as the huge anger amongst the UPSC/MPSC aspirants. Now this video clip (of her mock interview taken by her coaching academy) gets viral on social media. If what’s she says is true then, she might have escaped the crème… pic.twitter.com/sKJTBgQGdE
— Ashish Jadhao (@ashish_jadhao) July 10, 2024
सोशल मीडिया पर मॉक इंटरव्यू वायरल
सोशल मीडिया पर सामने आए एक मॉक इंटरव्यू में पूजा खेडकर ने कहा कि उनके माता-पिता अलग हो चुके हैं, इसलिए वह अपनी मां के साथ रहती हैं, लेकिन हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उनके पिता ने हलफनामे में ऐसा कुछ नहीं कहा है.
ओबीसी वर्ग के दावों पर उठे सवाल
आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार का दावा है कि पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर भी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं और हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़े थे. नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे में दिलीप खेडकर ने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई है. जबकि पूजा खेडकर ने खुद को ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर स्टेटस के लिए योग्य बताया. यही वजह है कि आईएएस पूजा खेडकर के पिता की संपत्ति को देखते हुए उनका ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर स्टेटस सामने आया है।