पावागढ़ में घ्वस्त हुई जैन तीर्थंकरो की प्रतिमाएं, जैन समाज द्वारा सुरत में हुआ विरोध प्रदर्शन, राज्य गृहमंत्री का आश्वासन
पंचमहल के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पावागढ़ में शक्तिपीठ महाकाली माताजी के मंदिर तक जाने वाली सीढ़ियों के दोनों ओर जैन तीर्थयात्रियों की मूर्तियों को हटाने से राज्य भर में एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है। कल उस वक्त माहौल एक बार गर्म हो गया जब जैनाचार्यों समेत बड़ी संख्या में जैन समाज के नेताओं ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर धरना दिया. आज सुबह से ही बड़ी संख्या में जैन समाज के नागरिक कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जैन तीर्थंकरों की प्रतिमा स्थापित होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी.
हालांकि, विकास के नाम पर महाकाली मंदिर ट्रस्ट द्वारा जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां उखाड़ने और फेंकने को लेकर उठे विवाद के बाद अब पावागढ़ के महाकाली मंदिर के ट्रस्टियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है विकास के नाम पर मंदिर के रास्ते की सीढ़ियों के दोनों ओर लगी हजारों साल पुरानी जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को उखाड़ कर फेंके जाने के बाद जैन समाज में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है.
इस घटना के बाद सूरत के जैन समाज में काफी गुस्सा फूट पड़ा है. इस बीच घटना की गंभीरता को लेकर गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि ‘हमने जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया है. ऐतिहासिक थीं ये मूर्तियां इस मामले में राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेष पटेल ने कहा है कि ‘यह मामला हमारे संज्ञान में आया है. हमने ब्योरा मांगा है।
मंदिर के ट्रस्टियों के इस हिचकारा कृत्य के बाद सूरत सहित राज्य भर में जैनाचार्यों सहित बड़ी संख्या में जैन समुदाय के नागरिक भड़क उठे हैं। इस घटना के बाद रविवार शाम को ही बड़ी संख्या में जैन समुदाय के नेता पावागढ़ थाने पहुंचे. जहां उन्होंने विकास के नाम पर जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को तोड़ने पर रोक लगायी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उधर, पूरी घटना तेजी से फैलने के साथ ही सूरत में भी इस घटना का गहरा असर देखने को मिला। कल देर रात जैनाचार्य जिला कलक्टर कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। इसकी जानकारी होते ही जैन समाज के सैकड़ों नागरिक भी मतगणना अवधि के दौरान जिला कलक्टर कार्यालय पहुंच गए। जहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की और पावागढ़ मंदिर के ट्रस्टियों द्वारा किए गए कृत्य की कड़ी निंदा की.