नीट को लेकर मचा बवाल, 23 लाख उम्मीदवारों की बढ़ी चिंता, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?
मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा को लेकर देश भर में घमासान मचा है. नीट को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में तक कई याचिकाएं दायर की गईं हैं, हालांकि अभी नीट परीक्षा कराने वाली एजेंसी एनटीए की ओर से इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. आइए देखते हैं नीट को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ है
परीक्षा से रिजल्ट तक कब क्या हुआ?
मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होनी वाली नीट परीक्षा का रजिस्ट्रेशन 9 फरवरी से 10 अप्रैल 2024 तक हुए. इस दौरान कुल 24 लाख 6 हजार 79 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया. 5 मई 2024 को जब नीट की परीक्षा हुई, तो इस परीक्षा में कुल 23 लाख 33 हजार 297 परीक्षार्थी शामिल हुए. जब 4 जून को नतीजे आए, तो इस परीक्षा में कुल 13 लाख 16 हजार 268 अभ्यर्थी पास हुए।
ये है पूरा मामला?
सबसे अधिक बवाल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी NEET का रिजल्ट आने के बाद मचा है. दरअसल नीट के रिजल्ट में इस बार 67 परीक्षार्थियों को टॉपर घोषित कर दिया गया. 67 ऐसे स्टूडेंट्स थे, जिन्होंने 720 में से 720अंक हासिल किए यानि उन्हें पूरे 100 फीसदी नंबर मिले, इसमें भी एक चौंकाने वाली बात यह हुई कि इन टॉपर्स में 6 स्टूडेंट्स ऐसे निकले, जिन्होंने एक ही एग्जाम सेंटर पर परीक्षा दिया था. यह परीक्षा सेंटर हरियाणा के झज्जर में है. इतना ही नहीं इस परीक्षा में कुछ परीक्षार्थियों के नंबर 718 और 719 तक आए जानकारों का कहना है कि परीक्षा की स्कीम के अनुसार ऐसा संभव नहीं है. इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
क्या है मार्किंग स्कीम
नीट परीक्षा में अगर किसी परीक्षार्थी का एक सवाल सही है, तो उसे 4 अंक मिलते हैं अगर किसी सवाल का जवाब गलत है, तो मिले अंकों में से एक अंक काट लिया जाता है. परीक्षार्थियों का तर्क है कि मान लीजिए अगर किसी स्टूडेंट ने सभी सवालों के जवाब लिखे और उनमें से अगर एक भी जवाब गलत हो गया तो संबंधित परीक्षार्थी को 715 नंबर मिलेंगे. ऐसे में उम्मीदवार ये सवाल कर रहे हैं कि अभ्यर्थियों को किस आधार पर 718 और 719 नंबर मिले है.