जम्मू- कश्मीर के रियासी में तीर्थयात्रियों पर आतंकी हमला, 10 लोगों की मौत, 33 घायल, जांच में जुटी NIA
जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने श्रद्धालुओं को ले जा रही बस पर रविवार शाम को मोदी के शपथ ग्रहण से एक घंटा पहले सवा 6 बजे हमला किया। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमला किया. कहा जा रहा है कि करीब 20 मिनट तक आतंकी गोलीबारी करते रहे. आतंकियों की गोलीबारी में चालक घायल हो गया. इसके बाद बस असंतुलित होकर खाई में गिर गई. खाई में बस के गिरने से भी कई लोगों को गंभीर चोटें आई. हालांकि कहा जा रहा है कि बस के खाई में गिरने से ही कई लोगों की जान बच पायी. लोगों का कहना है कि बस खाई में नहीं गिरती तो आंतकी किसी भी श्रद्धालु को जिंदा नहीं छोड़ते. क्रुर आतंकियों ने बस पर अंधाधुंध गोलियां चलाई. बस में चीख पुकार मच गई. लोग दर्द से चीखते रहे और आतंकी गोली बरसाते रहे.
अमित शाह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा, "ईश्वर मृतकों के परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करता हूं." केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी इलाके में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए आतंकवादी हमले को ‘अत्यंत निंदनीय' करार दिया.
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी जम्मू-कश्मीर में श्रद्धालुओं की बस पर हुए आतंकी हमला को लेकर सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने मोदी सरकार के तरफ से घाटी में शांति और सामान्य स्थिति के प्रचार प्रसार को खोखला बताते हुए लिखा कि, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह और कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के देश में आने के बीच, तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए एक कायराना आतंकवादी हमले में कम से कम 10 भारतीयों की जान चली गई। हम अपने लोगों पर हुए इस जघन्य आतंकवादी हमले और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जानबूझकर किए गए इस अपमान की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।
घायल संतोष कुमार ने बताया कि आतंकियों ने सेना जैसी वर्दी पहनी थी। उन्होंने मुंह बांध रखा था। बस जैसे ही मोड़ पर आई, अचानक गोलियां चलने लगीं। बस के खाई में गिरने से पहले आतंकियों ने 25 से 30 गोलियां चलाई थीं। बस में सफर कर रहे UP के दूसरे घायल श्रद्धालु ने बताया कि आतंकी बस के गिरने के बाद भी गोलियां चलाते रहे। बस शाम को 4 बजे चलनी थी, लेकिन 5:30 बजे चली। बस के लेट होने को लेकर भी जांच की जा रही है।
मौके पर पुलिस, आर्मी और CRPF की एक संयुक्त अस्थाई सुरक्षाबल टीम तैयार कर हमलावरों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। सर्च ऑपरेशन के लिए अलग से 5 टीमें भी बनाई गई हैं। NIA की टीम भी जांच के लिए घटनास्थल पहुंच गई है।
जम्मू-कश्मीर में ऐसा हमला तीन दशक में दूसरी बार
इससे पहले, 10 जुलाई 2017 में अनंतनाग में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा के दौरान बस पर गोलियां बरसाईं थीं। इसमें 7 श्रद्धालु मारे गए थे। 19 घायल हुए थे।