प्रधानमंत्री मोदी का शपथ ग्रहण समारोह होगा यादगार, विदेशी मेहमानों के साथ कई खास मेहमान होंगे शामिल
नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह कई मायनों में बेहद खास होगा। इस समारोह में जहां एक तरफ दुनियाभर के शीर्ष नेता शामिल होंगे, तो वहीं सफाईकर्मी, ट्रांसजेंडर, मजदूर भी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 8000 मेहमान शामिल हो सकते हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया के कई शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में सादर आमंत्रित किया गया है।
इन लोगों ने निमंत्रण स्वीकार
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जु, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
यह भी बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के अलावा यह सभी नेता उसी शाम राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भाग लेंगे।
सफाईकर्मी, मजदूर, ट्रांसजेंडर होंगे खास मेहमान
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सफाईकर्मी, मजदूर, ट्रांसजेंडर, केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी और विकसित भारत के राजदूत इस समारोह के खास मेहमान होंगे। रविवार को नरेंद्र मोदी करीब आठ हजार मेहमानों की उपस्थिति में गैरकांग्रेसी नेता के तौर पर लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने का इतिहास रचेंगे। पीएम रविवार को शाम छह बजे शपथ लेंगे। समारोह में आने के लिए बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, मालदीव, मॉरिशस और सेशेल्स के शासनाध्यक्षों ने हामी भर दी है। शपथग्रहण समारोह में दर्जनों देशों के राजदूत और उच्चायुक्त भी शिकरत करेंगे। इसके अलावा उद्योग एवं अन्य क्षेत्रों से जुड़ी दिग्गज हस्तियों को भी समारोह में आमंत्रित किया गया है।
मालदीव के राष्ट्रपति भी भारत आएंगे
मालदीव के मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति मुइज्जू शनिवार को नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे और इस दौरान उनके साथ उनकी सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी भारत आएंगे। हालांकि अभी तक मालदीव की सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।