कल है अपरा एकादशी व्रत, जानिए पूजाविधि और पारण का समय, यह विधि करने से आपकी संपत्ति में होगी अपार वृद्धि

कल है अपरा एकादशी व्रत, जानिए पूजाविधि और पारण का समय, यह विधि करने से आपकी संपत्ति में होगी अपार वृद्धि
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-06-01 22:11:02

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथिके दिन भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का पालन किया जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अपरा एकादशी व्रत रखा जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की विधिवत उपासना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. साथ ही शास्त्रों में एकादशी व्रत के नियमों का भी उल्लेख किया गया है. आइए जानते हैं, एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त और नियम.

पूजा मुहूर्त - सुबह 07.07 - दोपहर 12.19

अपरा एकादशी व्रत के पारण का समय 03 जून को सुबह 8:06 बजे से सुबह 8:24 बजे तक किया जा सकता है.

इसे क्यू कहा जाता है अपरा एकादशी 

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अपरा एकादशी का दिन भगवान विष्णु की विशेष आराधना के लिए समर्पित होता है जिसका बहुत अधिक धार्मिक महत्व माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से श्रीहरि अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति पूरे विधि-विधान से यह व्रत रखता है, उसको जीवन में अपार तरक्की, अपार धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

क्या आप जानते हैं एकादशी व्रत के नियम 

इस दिन शुभ रंगों के स्वच्छ वस्त्र पहनें। मन में भगवान विष्णु की छवि का ध्यान करते हुए 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ' का जप और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना विशेष रूप से इस दिन बहुत फलदायी है। इस दिन भक्तों को परनिंदा, छल-कपट,लालच,द्धेष की भावनाओं से दूर  रहकर,श्रीनारायण को ध्यान में रखते हुए भक्तिभाव से उनका भजन करना चाहिए। इस दिन आप फलाहार करें। भूलकर भी तामसिक भोजन और चावल नहीं खाएं। इस दिन किसी का दिया हुआ अन्न आदि न खाएं। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करें.

अपरा एकादशी व्रत करने के फायदे

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। अपरा एकादशी का व्रत करने से पितरों का पिंडदान करने के बराबर फल मिलता है। साथ ही व्रत रखने से घर में धन-धान्य की वृद्धि भी होती हैl पद्य पुराण के अनुसार, जो लोग अपरा एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है। साथ ही प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है।