कल से नौतपा का प्रारंभ, नौ दिन तक झुलसाएंगे सूर्यदेव, इन दिनों पड़ेगा भीषण गर्मी ख़ास यह उपाय जरूर करें

कल से नौतपा का प्रारंभ, नौ दिन तक झुलसाएंगे सूर्यदेव, इन दिनों पड़ेगा भीषण गर्मी ख़ास यह उपाय जरूर करें
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-05-25 00:13:54

सूर्यदेव इस वक्‍त आग उगल रहे हैं, दो शब्दों के संयोग 'नौ' और 'तपा' से बने 'नौतपा' का सामान्य अर्थ है, 'गर्मी के नौ दिन'। नौतपा और भी झुलसाने वाला माना जा रहा है। नौतपा की शुरुआत 25 मई शनिवार से हो रही है। माना जा रहा है कि 9 दिनों में तापमान और बढ़ेगा और लोगों को आंधी पानी भी झेलना पड़ सकता है। हम आपको बता रहे हैं सूर्य के कुछ ऐसे उपाय जो नौतपा में आपको सूर्य के प्रकोप से रा‍हत दिलाएंगे।

नौतपा क्या है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, नौतपा की खगोलीय घटना ज्येष्ठ माह में घटित होती है, जो 9 दिनों की अवधि होती है। यह तब शुरू होता है, जब सूर्य नक्षत्र परिवर्तन कर कृत्तिका से निकल कर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और वृषभ राशि में स्थित होते हैं। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, नौतपा में सूर्य इस राशि में 10 से 20 डिग्री कोण पर होते हैं और उनकी तेज किरणें धरती पर सीधी पड़ती है। नौ दिनों तक सूर्य की सीधी किरणों के प्रभाव से धरती बुरी तरह से तपने लगती है और तापमान बहुत बढ़ जाता है, तब इसे तब नौतपा कहते हैं।


इस तारिख से शुरू होगा नौतपा

2024 मे 25 मई से नौतपा का आरंभ होगा. नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा. सूर्य 25 मई को सुबह को 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और उसके बाद 2 जून को 7 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में जाएंगे. नौपता के 9 दिन सबसे भीषण गर्मी के होते हैं.

नौतपा का मौसम पर असर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ महीने में होने वाली यह खास खगोलीय घटना मौसम पर सबसे अधिक असर डालती है। ज्येष्ठ का महीना वैसे भी सबसे गर्म महीना माना जाता है, ऐसे में सूर्य की लम्बवत (सीधी) किरणें जब धरती पर पड़ती है, तो तापमान में जबरदस्त बढ़ोतरी होती है। मौसम विज्ञान के मुताबिक, नौतपा अवधि में धरती का तापमान बढ़ना अच्छी बारिश का संकेत देता है। लेकिन साथ ही यह आशंका भी रहती है कि इससे भीषण आंधी और तूफान आ सकते हैं, जो जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर सकता है।


नौतपा में क्या करें?

नौतपा में हल्का भोजन करना चाहिए. इसमें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. नौतपा में पक्षियों के लिए किसी मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखना चाहिए. ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दौरान राहगीरों को भी जल का सेवन कराना चाहिए. शिवलिंग पर जल चढ़ाना भी नौतपा में शुभ माना जाता है. इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी.