आस्ट्रेलिया के पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन ने मचाई तबाही, मारे गए 100 से ज्‍यादा लोग

आस्ट्रेलिया के पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन ने मचाई तबाही, मारे गए 100 से ज्‍यादा लोग
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2024-05-24 16:18:47

आस्ट्रेलिया के पापुआ न्यू गिनी से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार,दक्षिण प्रशांत द्वीप देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर दूर एक गांव में आज तड़के 3 बजे लैंडस्लाइड हुआ। गांव का नाम काओकलाम बताया जा रहा है। ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प से मिली सूचना के आधार पर 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

ABC के मुताबिक, भूस्खलन पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में सुबह करीब 3 बजे हुआ. एंगा प्रांतीय प्रशासन का कहना है कि उसने इस हादसे से हुए नुकसान का त्वरित आकलन करने के लिए एक इमरजेंसी एक्शन टीम का गठन किया है. टीम ने स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं और गैर सरकारी संगठनों से राहत प्रयासों में सहायता के लिए तैयार रहने के लिए कहा है. 

पपुआ न्यू गिनी में भूस्खलन (सांकेतिक तस्वीर)- India TV Hindi

भूस्खलन की चपेट में आने से कई गांव के कई घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। राहत और बचावकर्मी यहां लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं। कई शवों को निकाला जा चुका है। स्थानीय लोग भूस्खलन के बाद दबे हुए शवों को बाहर निकालने में राहत और बचाव कर्मियों की मदद कर रहे हैं। 

पापुआ न्यू गिनी में आया था भूकंप 

भूस्खलन से पहले पापुआ न्यू गिनी भूकंप के झटके भी महसूस किए गए थे। भूकंप फिन्सचाफेन से 39 किलोमीटर नॉर्थवेस्ट में आया था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 मापी गई थी। भारतीय समयानुसार पापुआ न्यू गिनी में यह भूकंप गुरुवार सुबह 9 बजकर 49 मिनट पर आया था। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने भी पापुआ न्यू गिनी में भूकंप की पुष्टि की थी। पापुआ न्यू गिनी में भूकंप से नुकसान की कोई खबर नहीं थी। 

गांव के लोगों का कहना है कि कई बड़े पत्थर और पेड़ गिर गए हैं. कई इमारतें ढह गई हैं, जिसकी वजह से शवों को तेजी से निकालने में मुश्किल हो रही है. भूस्खलन ने पोरगेरा शहर तक पहुंच मार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया है, जहां एक बड़ी सोने की खदान है. सड़क बाधित होने से गांव तक जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने में समस्या आ रही है. इस भूस्खलन का असर पोरगेरा शहर और सोने की खदान में काम करने वाले लोगों पर भी पड़ रहा है.