Gandhi jayanti 2025: दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़ा है दुनिया का सबसे बड़ा चरखा, गांधीजी की विरासत का प्रतीक

Shubham Pandey
JHBNEWS टीम,सूरत
2025-10-02 00:34:53
दिल्ली एयरपोर्ट पर दुनिया का सबसे बड़ा चरखा
महात्मा गांधी के जन्मदिन पर उनके विचारों और दर्शन को समझने के लिए चरखे को याद करना ज़रूरी है। गांधीजी के लिए चरखा केवल सूत काटने का औजार नहीं था, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक शक्तिशाली प्रतीक था।
चरखा: स्वदेशी आंदोलन का केंद्र
गांधीजी ने चरखे को स्वदेशी आंदोलन का मुख्य आधार बनाया। इसने आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन और अहिंसक प्रतिरोध का संदेश दिया। धीरे-धीरे यह औज़ार ब्रिटिश शासन के खिलाफ आर्थिक और सामाजिक क्रांति का प्रतीक बन गया।
दुनिया का सबसे बड़ा चरखा दिल्ली में
दुनिया का सबसे बड़ा चरखा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर स्थित है। जब यात्री प्रस्थान क्षेत्र के फोरकोर्ट में पहुंचते हैं तो लकड़ी से बना यह विशाल चरखा उन्हें तुरंत आकर्षित करता है।
अहमदाबाद में हुआ निर्माण
इस चरखे का निर्माण अहमदाबाद खादी एवं ग्रामोद्योग ने किया था। बर्मा सागौन की लकड़ी से बने इस चरखे को तैयार करने में 42 कारपेंटर ने 55 दिन तक मेहनत की।
- वजन: 4149 किलो
- ऊंचाई: 17 फीट
- लंबाई: 30 फीट
- चौड़ाई: 9 फीट
2016 में हुआ उद्घाटन
वर्ष 2016 में इस चरखे का उद्घाटन भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने किया था। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी पढ़ा गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि चरखा हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है और स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरक अनुस्मारक है।
यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र
यह चरखा न केवल भारत की कालातीत विरासत की याद दिलाता है, बल्कि स्थायित्व और सद्भाव के मूल्यों का प्रतीक भी है। एयरपोर्ट पर विदेशी यात्री अक्सर इसे ध्यान से देखते हैं और इसके साथ तस्वीरें खिंचवाना नहीं भूलते।