क्या सभी वंदे भारत एक्सप्रेस का रंग एक जैसा है या अलग? जानिए कैसे तय होता है?

अपनी तेज़ रफ़्तार और आधुनिक सुविधाओं के लिए देश में लोकप्रिय हो चुकी वंदे भारत ट्रेन अब लोगों को पसंद आ रही है. कई लोगों के मन में इस ट्रेन के रंग को लेकर सवाल है कि क्या इसका रंग एक जैसा है या रूट के हिसाब से अलग-अलग रंग तय किए गए हैं?
वर्तमान में देश भर में कुल 78 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जो मुख्यतः दो रंगों में उपलब्ध हैं: सफेद और केसरिया।
सफेद रंग: पुरानी पीढ़ी का प्रतीक
शुरुआती वंदे भारत ट्रेन सफ़ेद रंग की थी जिस पर नीली धारियाँ थीं। सफ़ेद रंग को इसके साफ़ और आधुनिक लुक के लिए चुना गया था। सफ़ेद रंग की ये ट्रेनें शुरुआती रूटों जैसे दिल्ली-वाराणसी और दिल्ली-कटरा पर चलाई गईं।
केसरिया रंग: नई ऊर्जा और मांग का परिणाम
समय के साथ रंग बदलते रहे हैं। 2022 में जब दूसरी पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें आईं, तो उन्होंने केसरिया (नारंगी) और स्लेटी रंग का संयोजन अपनाया। यह रंग ज़्यादा जीवंत और भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ लगता है।
उदाहरण के लिए, केरल में कासरगोड-तिरुवनंतपुरम जैसे व्यस्त मार्गों पर भगवा रंग की ट्रेनें चलाई गईं। दक्षिण रेलवे के अनुसार, यात्रियों की बढ़ती मांग के कारण यह रंग चुना गया है। रेलवे के अनुसार, सफेद रंग पुरानी पीढ़ी का प्रतीक है, जबकि केसरिया रंग नई ऊर्जा और गतिशीलता का प्रतीक है।
अन्य ट्रेनों में भी भगवा रंग
वंदे भारत ट्रेन के बाद शुरू की गई अमृत भारत ट्रेन भी भगवा रंग की है। इस श्रृंखला की ट्रेनों में अभी तक एक भी सफ़ेद ट्रेन नहीं आई है।
रेलवे का लक्ष्य देश में कुल 400 वंदे भारत ट्रेनें लाने का है और फिलहाल ये ट्रेनें मुख्य रूप से इन्हीं दो रंगों में चलाने की तैयारी में हैं। रेलवे रंगों में संभावित बदलावों के लिए जनता से लगातार सुझाव भी ले रहा है।