पुणे पोर्शे कार हादसा: सपने चूर हो गए,बिखर गया पीड़ितो का परिवार, आरोपी का पिता गिरफ्तार

पुणे पोर्शे कार हादसा: सपने चूर हो गए,बिखर गया पीड़ितो का परिवार, आरोपी का पिता गिरफ्तार
Anjali Singh JHBNEWS टीम,सूरत 2024-05-21 22:15:33

पुणे में दो युवा इंजीनियरों की जान लेने वाले बहुचर्चित पोर्श कार एक्सिडेंट केस में पुलिस ने नाबालिग के पिता को गिरफ्तार कर लिया है. रविवार को आधी रात नाबालिग ने पिता की लग्जरी पोर्श कार से दो लोगों को कुचल दिया था. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 15 घंटे के भीतर आरोपी नाबालिग को जमानत दे दी थी. लेकिन सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में मामले ने तूल पृकड़ा तो पुणे पुलिस एक्शन में आ गई है. अब नाबालिग के बिल्डर पिता को भी आरोपी बनाया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. छत्रपति संभाजीनगर से पुलिस ने आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया है.


आरोपी नाबालिग है तो क्या?

वहीं इस हादसे में जान गवां चुके दो युवाओं के परिवार बिखर चुके हैं. किसी की इकलौती बेटी चली गई तो किसी का बेटा. पुलिस की कार्रवाई और फिर कोर्ट से आरोपी को मिली शर्त के बाद पीड़ित परिवार गम में भी है और गुस्सा में भी. इस बीच जबलपुर में शक्तिनगर से सटे साकार हिल्स में युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोस्टा के घर मातम पसरा है. कल्याणीनगर में हुए दर्दनाक हादसे की शिकार अश्विनी का शव सोमवार शाम जबलपुर पहुंचा तो रिश्तेदारों की आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा. लोग मातम में हैं और गुस्से में भी कि आखिर दो लोगों की जान लेने वाले रईसजादे को जमानत कैसे मिल गई. शोकाकुल परिवार पूछ रहा है आरोपी नाबालिग है तो क्या?


3 करोड़ की गाड़ी कैसे दी?

उन्होंने कहा कि जो बेल की कंडीशन है, वो 5 क्लास के बच्चे को भी पढ़ा दिया जाता है, हास्यास्पद है जो बेल की कंडीशन लगाई है. आरोपी 3 करोड़ की कार चलाता है. यदि कोई आम आदमी होता तो फंस जाता. बिजनेस टाइकून का बेटा है, इसलिए छूट गया. उन्होंने आरोप लगाया इसने (नाबालिग आरोपी) पहले भी एक्सीडेंट किया है, लेकिन तब भी छूट गया था इस बार भी छूट गया है. यह तो मानव बम है. अगर इस तरह छोड़ दिया जाता है आरोपी को ये तो कल किसी और भी मारेगा. कैसे उनके पिता ने गाड़ी दी? उनके माता पिता को कोर्ट में ले जाना चाहिए. 3 करोड़ की गाड़ी कैसे दी, पूछा जाना चाहिए.

अब हमारे सारे सपने चूर हो चुके हैं

मृतक युवती अश्वनी के पिता सुरेश कोस्टा ने कहा कि बेटी ने पढ़ाई वहीं (पुणे) की थी और जॉब भी वहीं लगी थी उसकी. वह दिसंबर में गई थी. अब हमारे सारे सपने चूर हो चुके हैं. उधर, अश्वनी के भाई संप्रीत ने कहा कि उनकी बहन ने पढ़ाई पुणे से ही की थी और 4 महीने पहले ही जॉब के सिलसिले में वहां वापस शिफ्ट हुई थी. वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. मेरी छोटी बहन थी. अब मैं अकेला रह गया हूं. मेरे पिताजी से वो रोज बात करती थी. उसने बताया था कि खाना खाने बाहर जा रहे हैं, पार्टी के लिए. फिर ये खबर आई. उसके मोबाइल फोन से ही कॉल आया था. उसके दोस्तों ने कॉल किया था घटना के बाद. एक नाबालिग गाड़ी चला रहा था, वो भी इतनी महंगी कार. इतनी स्पीड में था कि उसकी कार दिख भी नहीं रही थी. सुविधाओं का दुरुपयोग दोबारा किसी मामले में न हो, इसलिए कार्रवाई होनी चाहिए.