ये 'ठगयुग' है... सूरत में 10वीं पास फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़

ये 'ठगयुग' है... सूरत में 10वीं पास फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2025-03-20 17:06:39

सूरत के लसकाणा इलाके में एक 10वीं पास फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है। यह डॉक्टर मूल रूप से पश्चिम बंगाल का निवासी है और पिछले 10 वर्षों से बिना किसी डिग्री के डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर रहा था। पुलिस ने उसकी क्लिनिक पर छापा मारा, उसी दौरान उसकी गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। मानवता का परिचय देते हुए, पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया और बाद में बोगस डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस को मिली सूचना और छापेमारी की कार्रवाई

ज़ोन-1 एल.सी.बी. शाखा की पुलिस को सूचना मिली थी कि लसकाणा गांव में "श्री लक्ष्मी क्लिनिक" नामक दवाखाना चलाने वाला डॉक्टर बोगस है और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यह फर्जी डॉक्टर खुद को पीडियाट्रिशियन, गायनेकोलॉजिस्ट, सर्जन और फिजिशियन बताता था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए छापेमारी की और उसके पास से बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां और इंजेक्शन जब्त किए। यह बोगस डॉक्टर पिछले दस वर्षों से यह क्लिनिक चला रहा था और गरीब मजदूरों को निशाना बनाकर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहा था।

पुलिस ने फर्जी डॉक्टर को हिरासत में लिया

यह फर्जी डॉक्टर महितोष संतोष चिंतपत्रो (उम्र 35) केवल 10वीं पास है और बिना किसी डिग्री के पिछले 10 वर्षों से डॉक्टर की प्रैक्टिस कर रहा था। पुलिस ने उसके पास से 96,794 रुपये मूल्य की मेडिकल सामग्री और दवाइयां जब्त कीं। महितोष क्लिनिक में मरीजों को अवैध दवाएं देकर उनकी जिंदगी को खतरे में डाल रहा था। उसकी इस लापरवाही के कारण, गुजरात मेडिकल प्रैक्टिशनर एक्ट के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


क्लिनिक पर छापेमारी के दौरान गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा

फर्जी डॉक्टर महितोष की पत्नी नौ महीने की गर्भवती थी। जब पुलिस ने उसकी क्लिनिक पर छापा मारा, तभी अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। पुलिस ने तुरंत मानवीयता दिखाते हुए उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। बोगस डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई से पहले, पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि मां और बच्चे की सुरक्षा बनी रहे। इसके बाद, पुलिस ने बोगस डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया।

पश्चिम बंगाल से सूरत तक बोगस प्रैक्टिस

डीसीपी आलोक कुमार के अनुसार, फर्जी डॉक्टर महितोष पहले पश्चिम बंगाल में तीन वर्षों तक प्रैक्टिस कर चुका था। उसके बाद, वह सूरत आ गया और यहां गरीब मजदूरों को निशाना बनाकर इलाज देने लगा। वह अपने दवाखाने में बिना किसी लाइसेंस या डिग्री के एलोपैथिक दवाइयां दे रहा था। पुलिस की छापेमारी के दौरान, उसने खुद को विभिन्न बीमारियों का विशेषज्ञ बताया। वह खुद को फिजिशियन, सर्जन, गायनेकोलॉजिस्ट और चाइल्ड स्पेशलिस्ट कहता था, जबकि यह सब पूरी तरह से झूठ था।

आगे की कार्रवाई और सख्त कानूनी कदम

फिलहाल, महितोष के खिलाफ BNS धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो किसी व्यक्ति की जान को खतरे में डालने और गुजरात मेडिकल प्रैक्टिशनर एक्ट का उल्लंघन करने से संबंधित है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और क्लिनिक में आने वाले मरीजों की जानकारी भी इकट्ठा कर रही है। सूरत पुलिस आने वाले दिनों में इस बोगस डॉक्टर के नेटवर्क का भी खुलासा कर सकती है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अवैध प्रैक्टिस करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।