सूरत के कुख्यात अपराधी साजु कोठारी पर पुलिस का शिकंजा, 31 संपत्तियां जब्त, जानिए पूरा मामला ?

DGP के आदेश के बाद सूरत पुलिस ने एक्शन मोड में आते हुए कुख्यात अपराधी साजु कोठारी के घर छापा मारा है। पुलिस उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। साजु कोठारी पर फिरौती, धमकी और संगठित अपराध के कई मामले दर्ज हैं। अब तक उसके खिलाफ दो मामलों में गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (GUJCTOC) के तहत भी कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी साजु कोठारी की संपत्तियों की जांच कर रहा है। हालांकि, वह फिलहाल जमानत पर बाहर है।
साजु कोठारी पर आरोप है कि उसने जबरन वसूली, हत्या और अन्य आपराधिक गतिविधियों से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। आयकर विभाग भी उसके खिलाफ बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत जांच कर सकता है। अब ED के बाद आयकर विभाग भी उसकी संपत्तियों की जांच में जुट गया है। अब तक ED ने उसकी 31 संपत्तियों को जब्त किया है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन संपत्तियों के लिए पैसे कहां से आए।
साजू कोठारी के खिलाफ हत्या, अपहरण, जबरन वसूली, ब्याज, जुआ समेत कई शिकायतें दर्ज हैं।
साजु कोठारी ने फिरौती, हत्या, अपहरण, दंगे, लूटपाट और जुए जैसे अपराधों से 4.29 करोड़ रुपये कमाए हैं। उसने अपनी अवैध कमाई से दूसरों के नाम पर संपत्तियां खरीदी हैं, जो कि कानूनन अपराध है। आयकर विभाग बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत कार्रवाई कर सकता है, जिसमें संपत्ति जब्त करने और दोषी पाए जाने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
सूरत अपराध शाखा ने दबंग साजू कोठारी को पकड़ने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया था, जो अक्सर पुलिस पर हमला करने का आदी था। पुलिस ने इससे पहले म्यूनिसिपल रोड पर साजू कोठारी द्वारा बनाए गए जुए के अड्डे को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद, मुखबिरों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल साजू कोठारी को पकड़ने के लिए किया गया, जो अपने बंगले में बनाए गए एक चोरी के कमरे में पकड़ा गया और उसका शव ले जाया गया। रांदेर पुलिस ने उनके भाई आरिफ कोठारी के रांदेर में शीतल टॉकीज के पास स्थित जुआ क्लब को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। लेकिन इस नई शिकायत के आधार पर यह स्पष्ट है कि यह कुख्यात गिरोह जेल के अंदर बैठकर भी काम कर रहा है।
सज्जू कोठारी पर गबन के दो मामले दर्ज किए गए हैं।
सज्जू कोठारी गुजरात के पहले आरोपी हैं जिनके खिलाफ गबन के एक नहीं बल्कि दो मामले दर्ज किए गए हैं। पहला अपराध दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे तुरंत लाजपोर जेल भेज दिया। लेकिन लाजपुर जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद कोठारी फरार हो गया। बाद में उसने फिर से फिरौती वसूलना शुरू कर दिया। इसलिए सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने उसके खिलाफ दूसरी बार गुजसिटॉक एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। उसका भाई भी लाजपोर जेल में बंद है। फिलहाल मांग है कि इस गिरोह का नेटवर्क तभी तोड़ा जा सकता है जब साजू कोठारी गिरोह के जेल में बंद सदस्यों को राज्य की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जाए।