सूरत : लिंबायत क्षेत्र में गुजरात के सबसे बड़े अंडरपास ब्रिज का अनावरण

सूरत शहर जो अपने तेज़ विकास और आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए जाना जाता है, ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। लिंबायत क्षेत्र में गुजरात के सबसे बड़े अंडरपास ब्रिज का अनावरण किया गया, जो यातायात की सुगमता और पर्यावरणीय दृष्टि से एक अनूठी परियोजना है। इस परियोजना का उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल, स्थानीय सांसद मुकेश दलाल और लिंबायत क्षेत्र की विधायक संगीता पाटिल की उपस्थिति में किया गया। इस 53 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित अंडरपास ब्रिज की सबसे खास बात यह है कि इसके नीचे ऑक्सीजन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
सूरत नगर निगम द्वारा संचालित इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 53 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। यह अंडरपास ब्रिज गुजरात का सबसे बड़ा और आधुनिकतम अंडरपास है, जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह भारी यातायात का भार आसानी से झेल सके और नागरिकों को सुगम यात्रा का अनुभव दे सके।
इस अंडरपास ब्रिज के उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा कि "सूरत शहर को देश के सबसे उन्नत शहरों में स्थान दिलाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस अंडरपास ब्रिज के निर्माण से यातायात का दबाव कम होगा और नागरिकों को सुविधा मिलेगी। साथ ही, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस ब्रिज के नीचे ऑक्सीजन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे सूरत का वायु गुणवत्ता स्तर भी सुधरेगा।"
लिंबायत क्षेत्र की विधायक संगीता पाटिल ने कहा,
"यह परियोजना हमारे क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अंडरपास ब्रिज से यात्रा आसान होगी, और ऑक्सीजन सुविधा के कारण यह पर्यावरण हितैषी भी बना रहेगा।"
सूरत के लिंबायत क्षेत्र में लगातार बढ़ते यातायात को नियंत्रित करने के लिए यह अंडरपास ब्रिज बनाया गया है। इस मार्ग पर रोज़ाना हजारों वाहन गुजरते हैं, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती थी। यह अंडरपास अब इस समस्या को दूर करने में मदद करेगा।
लिंबायत क्षेत्र की विधायक संगीता पाटिल ने कहा, "यह परियोजना हमारे क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अंडरपास ब्रिज से यात्रा आसान होगी, और ऑक्सीजन सुविधा के कारण यह पर्यावरण हितैषी भी बना रहेगा।"
यातायात जाम से राहत
- पर्यावरण को फायदा, ऑक्सीजन सुविधा के कारण वायु प्रदूषण में कमी
- व्यापारियों और निवासियों के लिए सुविधाजनक आवागमन
- समय और ईंधन की बचत
- भविष्य की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को समर्थन
सूरत नगर निगम और गुजरात सरकार भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी यातायात सुधार और पर्यावरण संरक्षण की ऐसी योजनाएँ लाने की योजना बना रही है। इस परियोजना से मिले अनुभवों के आधार पर अन्य शहरों में भी ऐसे अंडरपास विकसित करने पर विचार किया जा रहा है।
लिंबायत क्षेत्र में बना यह गुजरात का सबसे बड़ा अंडरपास ब्रिज न केवल यातायात की समस्या को हल करेगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल संरचना के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा। इस परियोजना से नागरिकों को जाम से राहत मिलेगी और यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी। सरकार और नगर निगम के इस प्रयास से सूरत एक और आधुनिक और हरित शहर बनने की ओर अग्रसर है।