मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, 9 फरवरी को सीएम बीरेन सिंह ने दिया था इस्तीफा

मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, 9 फरवरी को सीएम बीरेन सिंह ने दिया था इस्तीफा
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2025-02-13 19:49:24

मणिपुर में बीरेन सिंह के सीएम पद से इस्तीफे के बाद अब सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के चलते कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर बनी हुई है. बीते रविवार को बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी नेताओं की बैठकों का दौर शुरू हो गया था. मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे. हालांकि अब सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है


ITLF ने कहा - हमारी माँग अलग प्रशासन की कुकी समुदाय के ITLF संगठन के प्रवक्ता गिंजा वूलजोंग ने कहा कि बिरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव में हार के डर से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में उनकी एक ऑडियो टेप लीक हुई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। ऐसी स्थिति में, भाजपा के लिए भी उन्हें बचाना मुश्किल लग रहा है।

बिरेन सिंह मुख्यमंत्री रहें या न रहें, हमारी माँग अलग प्रशासन की है। मैतेई समुदाय ने हमें अलग कर दिया है। अब हम पीछे नहीं हट सकते। बहुत खून बह चुका है। केवल एक राजनीतिक समाधान ही हमारी समस्याओं का हल ला सकता है। कुकी समुदाय अब भी अलग प्रशासन की माँग पर अडिग है।

राष्ट्रपति शासन लागू होने का असर

किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर उस राज्य की शासन व्यवस्था में कई बदलाव हो जाते हैं. राज्य का प्रशासन राष्ट्रपति के कंट्रोल में आ जाता है. राष्ट्रपति अपने प्रतिनिधि के तौर पर राज्यपाल को प्रशासन चलाने की जिम्मेदारी देते हैं और राज्यपाल केंद्र के निर्देशों के आधार पर शासन करता है.

राज्य के कानूनों पर क्या असर पड़ता है?

आमतौर पर राज्यों की विधानसभा कानून बनाती हैं. मगर, राष्ट्रपति शासन में राज्य के कानून संसद बनाती है. अगर संसद का सत्र न चल रहा हो तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है. राष्ट्रपति शासन अधिकतम 6 महीने के लिए लागू किया जाता है. मगर, इसे 3 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है. इसके लिए संसद की अनुमति जरूरी हो

ती है.

किन परिस्थितियों में लगता है राष्ट्रपति शासन?

किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन तब लागू किया जाता है जब राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के पालन में असमर्थ रहे. कानून-व्यवस्था फेल होने पर भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकार के अल्पमत में आने पर और स्थिर सरकार न बन पाने पर भी राष्ट्रपति शासन किया जाता है. इसके अलावा भ्रष्टाचार, विद्रोह, आपदा या अन्य कारणों से सरकार के फेल होने पर राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है.