Surat: नर्मद विश्वविद्यालय में 25 करोड़ की लागत से निर्माण होगा आधुनिक अनुसंधान केंद्र
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में 25 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा। इसमें दक्षिण गुजरात के सात जिलों के उद्योगों को ध्यान में रखते हुए प्रैक्टिकल रिसर्च की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसमें सूरत शहर के टेक्सटाइल और डायमंड उद्योग समेत ब्लू इकोनॉमी को भी शामिल किया गया है। इन सात जिलों के मौजूदा उद्योगों के नवीनतम उपकरण इस रिसर्च सेंटर में उपलब्ध होंगे। विद्यार्थी इन उपकरणों पर व्यावहारिक और वास्तविक शोध कर सकेंगे।
सूरत स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय अब शोध के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा केंद्रीय अनुसंधान और नवाचार भवन की स्थापना की महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए पीएम-उषा योजना के तहत 25 करोड़ रुपये की ग्रांट प्राप्त हुई है, जो शोध क्षमताओं को बढ़ाएगी और विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक क्षमता को व्यापक स्तर पर मजबूत बनाएगी।
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति किशोरसिंह चावड़ा ने बताया कि प्रधानमंत्री-उषा योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इनमें से 25 करोड़ रुपये इस क्षेत्र के डायमंड, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स, फार्मास्युटिकल, केमिकल, ब्लू इकोनॉमी और ट्राइबल बेल्ट जैसे क्षेत्रों के उद्योगों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को व्यावहारिक और वास्तविक शोध के अवसर प्रदान करने के लिए इस रिसर्च सेंटर की शुरुआत पर खर्च किए जाएंगे। आधुनिक रिसर्च सेंटर के निर्माण की योजना बनाई गई है, जिसे दूसरे चरण में और भी विकसित किया जाएगा।
अनुसंधान भवन में शामिल किए जाएंगे ये उपकरण:
- न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) स्पेक्ट्रोमीटर
- फूरियर ट्रांसफॉर्म इन्फ्रारेड (FTIR) स्पेक्ट्रोमीटर
- इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज्मा ऑप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर (ICP-OES)
- एक्स-रे डिफ्रेक्टोमीटर (XRD)
- स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (SEM)
- गैस क्रोमैटोग्राफ-मास स्पेक्ट्रोमीटर (GC-MS)
- हाई-परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (HPLC)
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय को पीएम-उषा योजना के तहत 100 करोड़ रुपये की ग्रांट आवंटित की गई है, जिसमें से विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए राशि वितरित की गई है। आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित इस नव-निर्मित अनुसंधान भवन में वैज्ञानिक उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध होगी। इस भवन में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं भी बनाई जाएंगी, जो रासायनिक विश्लेषण, जैविक परीक्षण, मटेरियल कैरेक्टराइजेशन और नैनोफैब्रिकेशन जैसी प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करेंगी। इससे अनुसंधान क्षमताओं में वृद्धि होगी, प्रतिभाशाली शोधकर्ताओं को आकर्षित किया जाएगा, विभिन्न विषयों के सहयोग से नया ज्ञान प्राप्त होगा, आर्थिक विकास में योगदान दिया जाएगा, और स्थानीय समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव डाला जाएगा।