जाने TATP कितना ख़तरनाक, जो दिल्ली ब्लास्ट में आतंकियों ने किया इस्तेमाल
दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास एक कार में ब्लास्ट हुआ था। जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी इसके साथ ही 20 ज्यादा लोग घायल हुए थे। कार में जिस वजह से धमका हुआ था यानी जो पदार्थ धमाके के लिए उपयोग किया गया उसे ट्राईएसिटोन ट्राईपरॉक्साइड (TATP) कहा जाता है। इस खतरनाक विस्फोटक को " मदर ऑफ सैटन " भी कहा जाता है।
मदर ऑफ सैटन बहुत ही अस्थिर और विनाशकारी होता है। इसको घर में मिलने वाली चीजों से भी बना सकते है। इसलिए आतंकी इसे ज्यादा पसन्द करते है। इस पदार्थ को पकड़ना मुश्किल होता है और इससे बड़े धमाके भी किए जाते हैं। इसका उपयोग 2001 में क्या किया गया था। इसके साथ ही जुलाई 2005 में लंदन, नवंबर 2015 में पेरिस, मार्च 2016 में ब्रसेल्स में किया गया था।
TATP क्या है?
आपको बता दे कि TATP एक ऐसा विस्फोटक है जिसे बनाना आसान तो है लेकिन यह बहुत खतरनाक भी होता है। मदर ऑफ सैटन को घर में मिलने वाली चीजों से भी बनाया जा सकता है। जैसे कि एसीटोन, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और एसिड से TATP को बनाया जा सकता है।
इस TATP कि खास बात यह है कि इसे पकड़ना आसान नहीं होता है। यह हवा में आसानी से उड़ जाता है और इसे सूंघने वाले यंत्रों से पकड़ना मुश्किल होता है। इसी वजह से आतंकीयों का यह पसंदीदा विस्फोटक है। यह बहुत अस्थिर होता है, यानी थोड़ी सी भी हलचल या गर्मी से फट सकता है। इसीलिए इसे "मदर ऑफ सैटन" कहा जाता है। यह कम लागत में ज्यादा नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है।