क्या डायपर पहनने से बच्चे की किडनी खराब होती है? जानिए इस दावे का सच

क्या डायपर पहनने से बच्चे की किडनी खराब होती है? जानिए इस दावे का सच
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2025-11-01 13:19:28

आज के आधुनिक युग में डायपर बच्चों की देखभाल का एक ज़रूरी हिस्सा बन गए हैं, जिससे माता-पिता को काफ़ी सुविधा मिलती है। हालाँकि, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें खुद को डॉक्टर बताने वाला एक व्यक्ति कह रहा था कि डायपर पहनने से बच्चे की किडनी खराब हो सकती है। इस दावे ने कई माता-पिता को डरा दिया है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। बाल रोग विशेषज्ञ इस दावे का खंडन कर रहे हैं।

क्या डायपर वास्तव में गुर्दों को नुकसान पहुंचाते हैं?

डायपर से किडनी खराब होने के दावे के बारे में एक बाल विशेषज्ञ कह रहे हैं, "डायपर पहनने से बच्चे की किडनी खराब होने का दावा पूरी तरह से झूठा है। ऐसी जानकारी नहीं फैलाई जानी चाहिए और लोगों को बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए।"

बाल रोग विशेषज्ञ कहते हैं, "डायपर का काम सिर्फ़ मल-मूत्र सोखना होता है, जबकि गुर्दे शरीर के अंदर स्थित होते हैं और उनका काम खून को छानना होता है। यह धारणा कि डायपर गुर्दे को नुकसान पहुँचा सकते हैं, सिर्फ़ एक मिथक है और इसका गुर्दे पर कोई सीधा असर नहीं होता।"

डायपर से त्वचा संबंधी समस्याओं का खतरा

डायपर से किडनी फेल होने जैसी गंभीर समस्याएँ नहीं होतीं। लेकिन त्वचा संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। अगर बच्चा लंबे समय तक गीला डायपर पहने रहता है, तो त्वचा में संक्रमण, रैशेज़ या यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) का खतरा बढ़ सकता है। अगर डायपर समय पर न बदला जाए, तो बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो कभी-कभी मूत्र मार्ग तक पहुँचकर यूटीआई का कारण बनते हैं।

शिशुओं की त्वचा पर डायपर रैश से बचने के लिए हर 3 से 4 घंटे में डायपर बदलना ज़रूरी है। अगर शिशु शौच करता है, तो तुरंत डायपर बदलें। हर बार डायपर बदलने के बाद, शिशु को बेबी वाइप्स या गर्म पानी से साफ़ करें और त्वचा को सूखने दें। रात को सोने से पहले शिशु को नया डायपर पहनाना न भूलें। शिशु को दिन में कुछ घंटे डायपर से मुक्त रखें, ताकि त्वचा सांस ले सके। अगर सिंथेटिक डायपर को लेकर कोई चिंता हो, तो कपड़े के डायपर या ऑर्गेनिक कॉटन के डायपर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई चिकित्सा जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। जय हिन्द भारतवर्ष इसका समर्थन नहीं करता है।)