सूरत: लिंबायत में किशोरी की पड़ोसियों ने की सौदेबाजी, जबरन कराई विधर्मी से शादी

सूरत के लिंबायत इलाके में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक 14 साल की मुस्लिम लड़की को पैसों के लिए दो बार बेचा गया। इस लड़की को उसके पति वसीम शेख और पास में ही कैटरिंग का काम करने वाली फरजाना नाम की महिला ने अपने कब्ज़े में रखा और शादी के नाम पर बेच दिया। पहली बार उसे स्थानीय युवक सोएब को 50 हज़ार रुपये में और दूसरी बार महाराष्ट्र के सोलापुर के एक हिंदू युवक को 2 लाख रुपये में बेचा गया। पूरा मामला तब सामने आया जब युवक ने उसे बेचने की तीसरी कोशिश में सिविल मैरिज की ज़िद की। इस घटना से समुदाय में भारी रोष और डर पैदा हो गया है।
यह मामला 24 सितंबर, 2025 की शाम को तब प्रकाश में आया जब लड़की के परिवार ने सामाजिक कार्यकर्ता असलम सैकवाला से मदद की गुहार लगाई। लड़की लिंबायत कॉलोनी में रहती है और पिछले कुछ महीनों से नूरी शेख के घर कैटरिंग का काम करती थी। नूरी और फरजाना कैटरिंग का काम करती थीं, जहाँ वे नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने कब्ज़े में रखती थीं। असलम सैकवाला को यह जानकारी मिलते ही तुरंत लिंबायत पुलिस इंस्पेक्टर एन.के. कमालिया को सूचित किया गया। पुलिस जाँच में पता चला कि यह गिरोह शादी के नाम पर लड़कियों को बेचकर मोटी रकम कमा रहा था।
लिंबायत पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। डीसीपी जोन-2 कानन देसाई भी थाने पहुंचे। पूछताछ में नूरी शेख और वसीम शेख ने कबूल किया कि उन्होंने पहली बार 50 हजार में लड़की की शादी सोएब से जबरन कराई थी। सोएब ने लड़की के साथ बलात्कार किया और फिर उसे छोड़ दिया। दूसरी बार उन्होंने लड़की को सोलापुर के एक हिंदू युवक को 2 लाख में बेच दिया, जहां उसका फिर से शोषण हुआ। तीसरी बार युवक के सिविल मैरिज पर जोर देने पर लड़की ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने नूरी, वसीम, फरजाना, सोएब और सोलापुर के युवक के खिलाफ बलात्कार, पॉक्सो एक्ट और मानव तस्करी एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। तीन आरोपियों - नूरी, वसीम और फरजाना को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी दो की तलाश जारी है।
इस घटना ने सूरत में मानव तस्करी के बढ़ते मामलों पर चिंता बढ़ा दी है। लड़की से पूछताछ में पता चला कि वह मूल रूप से एक गरीब परिवार से थी और काम के लालच में इस जाल में फंस गई थी। सामाजिक संगठनों ने लड़की को सुरक्षित स्थान पर रखा और उसकी काउंसलिंग की व्यवस्था की। सामाजिक कार्यकर्त्ता ने कहा, "ऐसे मामलों में सामुदायिक भागीदारी ज़रूरी है। हम आगे की जाँच में पुलिस का सहयोग करेंगे।"
पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस रैकेट में और लोगों के शामिल होने का संदेह है और व्यापक जाँच चल रही है। यह मामला बाल शोषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर करता है। सरकार ने ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।