जलते अंगारों पर युवाओं का गरबा, जामनगर में 72 वर्षो से खेला जाता है विश्व प्रसिद्ध मशाल रास और अंगारा रास

जलते अंगारों पर युवाओं का गरबा, जामनगर में 72 वर्षो से खेला जाता है विश्व प्रसिद्ध मशाल रास और अंगारा रास
khushbu Rajput JHBNEWS टीम,सूरत 2025-09-26 12:12:24

जामनगर : गुजरात का गरबा विश्व प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए न केवल दूसरे राज्यों से बल्कि विदेशों से लोग आते हैं। यहां अलग-अलग तरह का गरबा आपको देखने को मिलेगा जिसे देखकर आप हैरान रह जायेंगे। लेकिन क्या आप जानते है की जामनगर का गरबा विश्व प्रसिद्ध है, अब इस गरबे में क्या खास बात है और क्यों विश्व प्रसिद्ध है आज हम आपको इस लेख में बताएंगे 


दरसल, वैसे तो गुजरात में तरह तरह का गरबा खेला जाता है जिसे देखने के लिए लोग दूर दराज से गुजरात आते है. लेकिन जामनगर का अंगारा और मशाल रास 72 सालो से किया जाता आया है यहां पर धधकते अंगारों पर नंगे पांव खेलैया रास खेलते हैं। इसे देखना काफी रोमांचकारी होता है। पिछले 72 वर्षों से श्री पटेल युवक गरबी मंडल इस परंपरा को निभाते आ रहे है। इतना ही नहीं आग की लपटों के बीच युवा मशाल रास नृत्य करते हैं। आग के साथ आद्यशक्ति की आराधना देख लोग मंत्रमुग्ध हो उठते हैं। इसे अंगारा रास कहा जाता है। धधकते अंगारों के बीच खेलैया  माताजी की आराधना करते हैं। 


60 खेलैया तीन समूहों में अलग-अलग रास करते हैं। जामनगर के रणजीतनगर पटेल युवक मंडल द्वारा आयोजित गरबी में खेलैयायों द्वारा खेला जाने वाला अंगारारास इस गरबी की पहचान है। पटेल युवक गरबी मंडल पिछले सात दशकों से इस परंपरा को निभा रहे है, जिसमें खेलैया तीन समूहों में अलग-अलग कलाएं करते हैं, जिनमें आकर्षण का केंद्र मशाल रास है, जिसका आयोजन पिछले 15 वर्षों से किया जा रहा है। वहीं तलवाररास भी खेलैया द्वारा 20 वर्षों से किया जा रहा है। इस रास को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस वर्ष  मशाल रास के दौरान, वे स्वस्तिक के साथ त्रिशूल की आकृति भी बनाते हैं और गरबी घुमाकर देवी की पूजा करते हैं।


इस गरबी मंडल के कलाकार विशाल मंच पर पारंपरिक केडियू और चोयनी परिधान पहनकर मशाल रास करते हैं। मशाल रास  में युवा आग के जलते अंगारों पर नंगे पैर रास करते हैं। यह दृश्य बेहद मनोरम होता है। इसके अलावा, रास के दौरान युवा मशाल से स्वस्तिक का चिन्ह भी बनाते हैं, जिससे लोगों के बीच इस रास-गरबा का विशेष आकर्षण होता है।


पटेल युवक गरबी मंडल में युवा हसिया, मशालों और तलवारों से रास खेलते हैं। शक्ति और शौर्य के प्रतीक हाथों में खुली तलवार लेकर गरबा में खेलते खेलैया सबका मन मोह लेते हैं। युवा 'शिवाजिना हलराडा' और 'घड़वैया मारे ठाकोरजी नाथी थावु' गीतों के साथ तलवार रास का जोरदार प्रदर्शन करते हैं। हसिया , मशाल और तलवारों के साथ उत्साह से रास खेलते खिलाड़ियों को देखने का रोमांच ही कुछ और होता है।