हिमाचल प्रदेश में बारिशः भूस्खलन से 3 की मौत, धर्मपुर में बाढ़ ने मचाई तबाही

देश के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश से मची तबाही अभी थमी नहीं है. हिमाचल के मंडी में भारी बारिश के बाद बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. धर्मपुर बस स्टैंड पानी में डूब गया है. वहीं बीती रात मंडी की बोई पंचायत में भूस्खलन हुआ. इस भूस्खलन में एक ही परिवार के पांच सदस्य मलबे में दब गए. अब तक दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. जबकि एक महिला का शव मिल गया है. बाकी दो लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है.
मंडी की एसपी साक्षी वर्मा ने बताया, "मंडी ज़िले के निहरी इलाके में भूस्खलन के बाद तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य को बचा लिया गया। पास की एक चट्टान से मलबा एक घर पर गिर गया, जिससे वह ढह गया। बचाव दल घटनास्थल पर पहुँच गए हैं और अभियान अभी भी जारी है।"
राहत और बचाव कार्य मुश्किल हो गया
मंडी के बोई पंचायत क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के खतरे के कारण राहत और बचाव कार्य मुश्किल हो गया है। साथ ही, सड़क बंद होने के कारण बचाव दल को घटनास्थल तक पहुँचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय ग्रामीण मलबा हटाकर फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
धरमपुर के अधिकांश इलाके भी पानी में डूबे हुए हैं।
जबकि धरमपुर में भी ज़्यादातर इलाके जलमग्न हैं। जिसमें बसें, बस स्टैंड डूब गए हैं। साथ ही, दुकानें भी पानी में डूब गई हैं। इसके अलावा हिमाचल के कुल्लू की व्यास नदी में भी बाढ़ आ गई है। साथ ही, कई नदी-नालों में पानी का बहाव बढ़ गया है। साथ ही, कई इलाकों में सड़कें भी पानी में डूब गई हैं।
आज छह जिलों में बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने आज प्रदेश के छह जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के कुछ इलाकों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार शाम तक प्रदेश में 490 सड़कें, 352 बिजली ट्रांसफार्मर और 163 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुईं। प्रदेश में बदलते मौसम के बीच सुबह-शाम ठंड भी बढ़ गई है।
इसका आर्थिक प्रभाव बहुत बड़ा रहा है, और कुल मिलाकर 4,489 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। सड़क, जल आपूर्ति, बिजली वितरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास सहित सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है।
इस आपदा ने आवास और कृषि क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित किया है। एसडीएमए के अनुसार, 1,616 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और 8,278 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। 29,000 हेक्टेयर फसल और लगभग 1.38 लाख हेक्टेयर बागवानी क्षेत्र को नुकसान पहुँचा है। पशुधन क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ, इस आपदा में 2,094 पशु और 26,955 मुर्गी पक्षी मारे गए।