गुजरात सचिवालय में प्लास्टिक की बोतलों पर प्रतिबंध

गुजरात की राजधानी दिल्ली स्थित सचिवालय में हर दिन प्लास्टिक की 6000 से 7 000 प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग हो रहा है जिसे हटाने का काम शुरू हो गया है इसके लिए सचिवालय में प्लास्टिक मुक्त गुजरात की दिशा में एक प्रयास किया गया है जहां प्लास्टिक के बोतलों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है इससे परिसर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त रखने में मदद की जाएगी
पानी की बोतल मुहैया करवाएगा सखी मंडल
गुजरात के वन और पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल ने बताया कि इस काम को ‘सखी नीर’ के जरिए सफल बनाया जाएगा और देश में पहला ‘प्लास्टिक मुक्त सचिवालय’ बनाएंगे ।
मुकेश पटेल ने आगे बताया कि सचिवालय में ही आंतरिक पूर्ण उपयोग ग्लास वॉटर बॉटलिंग संयंत्र और बोतल पुन उपयोग प्रणाली का उद्घाटन बुधवार को हुआ है।
इस संयंत्र के जारी सखी मंडल प्लास्टिक की जगह कांच की बोतल में पानी देगा, जिसका नाम सखी नीर होगा। संयंत्र का संचालन मां नर्मदा एकता महिला मंडल करेगी।
हर घंटे में 500 बोतल भर कर देंगी सखी मंडल
उन्होंने बताया कि प्रति घंटा 500 बोतल भर कर दी जाएगी यह 24 घंटे भी आगे चलाया जाएगा इसके बाद आसपास के निगम दफ्तर में भी प्लास्टिक बंद कर इस योजना को चलाया जाएगा संयंत्र हर घंटे में 500 बोतल भर सकेंगे।