गुजरात: सूरत में भारी बारिश से कई इलाकों में बाढ़, घरों में घुसा 4 फीट तक पानी, सड़कें जलमग्न

गुजरात में आधिकारिक तौर पर बारिश शुरू हो गई है. पहली बारिश सौराष्ट्र में ज़्यादा तेज़ थी. लेकिन, पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश सूरत का हाल बेहाल कर रही है. पिछले 24 घंटे में शहर में कुल 14.2 इंच बारिश दर्ज की गई है. जिसकी वजह से सूरत का ज़्यादातर हिस्सा पानी में डूबा हुआ है. भारी बारिश की वजह से सड़कें तो पानी से लबालब हैं ही! लेकिन, साथ ही बारिश का पानी सोसायटी, दुकानों और घरों में भी घुस गया है.
इन इलाको में बाढ़ जैसी इस्थिति
सूरत जिले में भारी बारिश के कारण आज सूरत के खाड़ी तटवर्ती इलाकों में बाढ़ आ गई है। घरों और दुकानों में पानी भर जाने से लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। पुणा, गोडादरा, पर्वत गांव, सरथाणा, वालक, रघुकुल बाजार क्षेत्र, लिंबायत के कई इलाकों में खाड़ी का पानी घुस गया है। कई सोसायटियों में खाड़ी का पानी घुस गया है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इलाके में चार से पांच फीट पानी भर गया है।
सूरत में भीषण बारिश का कहर
बता दें कि सूरत शहर में पिछले 36 घंटों में 400 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। इस कारण मंगलवार को शहर के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। भारी बारिश के कारण कई सड़कें और आवासीय सोसाइटियां जलमग्न हो गईं, इस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ इलाकों में लोगों ने एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए ट्रैक्टरों का सहारा लिया, जबकि शहर के कुछ अन्य हिस्सों में लोगों को सुरक्षित एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए बाढ़ वाली सड़कों पर नाव तक चलाई गई।
आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने क्या कहा ?
नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने बताया कि सूरत शहर में बुधवार सुबह 6 बजे तक 36 घंटों में 400 मिमी (या 14 इंच से अधिक) बारिश हुई, जबकि उसके बाद के 12 घंटों (शाम 6 बजे तक) में 66 मिमी (लगभग 2. 6 इंच) बारिश दर्ज की गई। हालांकि मंगलवार को शहर को बारिश से कुछ राहत मिली, लेकिन निचले इलाकों में बाढ़ के कारण यात्रियों पर असर देखने को मिल रहा है। शालिनी अग्रवाल ने बताया कि जहां भी जरूरत है, बचाव और राहत कार्य के तहत लोगों को पहले ही निकाला जा रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सूरत शहर में बुधवार सुबह 6 बजे से 2. 6 इंच बारिश हुई। हालांकि दिन में बारिश कम हुई, लेकिन जलभराव से थोड़ी राहत मिली और कई इलाकों में यात्रियों को घरों के अंदर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारी बारिश के कारण शहर और विभिन्न खाड़ियों से गुजरने वाली तापी नदी में उफान आ गया, जिससे निचले इलाकों के रिहायशी इलाकों में जलभराव हो गया।
बाढ़ के हाहाकार के बाद सूरत के महापौर और अन्य पदाधिकारी बाहर आए। सत्ताधारी लोग दो दिन की बारिश में लोगों को मझधार में छोड़कर चैंबर में बैठे रहे। एबीपी अस्मिता की रिपोर्ट के बाद सूरत नगर निगम प्रशासन की नींद खुली। दो दिन बाद अब महापौर डूबती कुर्सी को बचाने के लिए मैदान में उतर आए हैं। सरथाणा की शुभम पार्क सोसायटी अभी भी पानी में डूबी हुई है। सीमाडा खाड़ी का पानी सरथाणा इलाके में वापस आ गया है। महापौर ने दावा किया कि खाड़ी का स्तर कम होने से शाम तक जलस्तर कम हो गया था।