पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने गुजरात में असामाजिक, गैंगस्टर तत्वों पर सिर्फ 100 घंटे में कार्रवाई करने का आदेश दिया

Shubham Pandey
JHBNEWS टीम,सूरत
2025-03-15 19:33:26
राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को और मजबूत करने के उद्देश्य से गुजरात पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अगले 100 घंटों के भीतर राज्य भर के सभी असामाजिक तत्वों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने सभी पुलिस आयुक्तों, रेंज प्रमुखों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक जरूरी बैठक की।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देश और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के मार्गदर्शन में लिए गए इस निर्णय के तहत पुलिस प्रमुख ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने पर जोर दिया।
राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने गुजरात राज्य में जनता को परेशान करने वाले "असामाजिक गुंडों" की सूची तैयार करने और तुरंत, यानी अगले 100 घंटों के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
आज 15 मार्च 2025 को जारी एक परिपत्र (305/2025) में पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने राज्य भर की पुलिस को सख्त आदेश जारी करते हुए 'गुंडा' तत्वों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
'असामाजिक गुंडों' के तत्वों को परिभाषित करने वाले परिपत्र में कहा गया है कि
(1) ऐसा व्यक्ति जो बार-बार शारीरिक हमलों में शामिल हो
(2) जबरन वसूली या धमकी या ऐसी गतिविधियों में शामिल हो
(3) बार-बार संपत्ति के खिलाफ अपराध करता हो
(4) शराब और जुए के अलावा प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल हो
(5) खनन गतिविधियों में शामिल हो जैसे खनिजों यानी रेत का खनन
(6) इनके अलावा, लोगों में डर पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ अन्य असामाजिक कार्य।
ऐसे कृत्यों में शामिल लोगों की सूची तुरंत तैयार करने के लिए तत्काल कार्रवाई की गई है।
राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहायता के परिपत्र (आदेश) में आगे कहा गया है कि
(1) यदि अवैध निर्माण किया गया हो तो स्थानीय संगठनों के सहयोग से कार्रवाई की जाए।
(2) सरकारी जमीन पर दबाव हो तो कार्रवाई करें।
(3) अवैध बिजली कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।
(4) बैंक खातों की जांच के दौरान वित्तीय लेनदेन में अवैधानिक कृत्य पाए जाने पर कार्रवाई करना।
(5) यदि कोई व्यक्ति जमानत पर रिहा किया जाता है और वह किसी असामाजिक गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो जमानत रद्द करने की कार्रवाई की जानी चाहिए।
(6) 'पासा' और 'तड़ीपार' जैसे प्रभावी कानूनों का प्रयोग करें।
(7) किरायेदारी पंजीकरण न कराने पर आपराधिक कार्यवाही की जाएगी।