गुजरात में पिछले 2 वर्षों में 286 शेरों की मौत! जानिए Expert ने क्या कहा ?

गुजरात में पिछले 2 वर्षों में 286 शेरों की मौत! जानिए Expert ने क्या कहा ?
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2025-03-06 15:47:56

गुजरात विधानसभा सत्र के दौरान बब्बर शेरों की मौत के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चिंता का विषय हैं। पिछले दो वर्षों में गुजरात में कम से कम 286 शेरों की मौत हो चुकी है, जिनमें 143 शावक भी शामिल हैं।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का दौरा किया। यहां वह गिर में जंगल सफारी पर गए। इसके बाद वे वंतारा भी गए, जहां उन्होंने पशुओं की देखभाल का निरीक्षण किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशुओं की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। अब इसी गुजरात से एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात से चले जाने के बाद विधानसभा सत्र के दौरान बब्बर सिंह की मौत के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चिंता का विषय हैं। पिछले दो वर्षों में गुजरात में कम से कम 286 शेरों की मौत हो चुकी है, जिनमें 143 शावक भी शामिल हैं। इनमें से 58 शेरों की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुई। यह जानकारी राज्य के वन मंत्री मुलुभाई बेरा ने विधानसभा में दी।

मंत्री ने विधानसभा में क्या कहा?

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक शैलेश परमार के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि राज्य में दो वर्ष 2023 और 2024 में 140 शावकों सहित 456 तेंदुओं की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि मरने वाले 286 शेरों में से 12/1/2023 में और 16/5/2024 में मरेंगे। आपको बता दें कि गुजरात दुनिया में एशियाई शेरों का अंतिम निवास स्थान है। जून 2020 में की गई अंतिम जनगणना के अनुसार, राज्य में 674 एशियाई शेर हैं, जिनमें से अधिकांश गिर वन्यजीव अभयारण्य में हैं।

शेर ही नहीं तेंदुओं की भी मौत के चौंकाने वाले आंकड़े

न केवल शेरों बल्कि तेंदुओं की मौत के बारे में भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जानकारी के अनुसार, गुजरात में दो साल में 456 तेंदुओं के मरने की भी खबर है। प्राकृतिक कारणों से 201 तेंदुए और 102 शावकों की मौत हो चुकी है। 115 से अधिक तेंदुए और 38 शावकों की अप्राकृतिक मौतें हो चुकी हैं। वर्ष 2023 में 225 तेंदुए मरेंगे तथा वर्ष 2024 में 231 तेंदुए मरेंगे।

वन मंत्री मुलुभाई बेरा के अनुसार, सरकार ने पशुओं की अप्राकृतिक मौत को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें वन क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों पर स्पीड ब्रेकर और साइनबोर्ड लगाना, शेरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रेडियो कॉलर लगाना, जंगलों में पैदल गश्त करना और खुले कुओं के लिए कंक्रीट की दीवारें बनाना शामिल है।

गिर नेशनल पार्क एशियाई शेरों को एकमात्र जगह है

गुजरात का गिर अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान एशियाई शेरों का एकमात्र निवास है जो पिछले दो वर्षों में 240 शेरों को खो चुका है। ये मौतें गिर के शेरों की आबादी का लगभग 36% हिस्सा हैं, राज्य के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

240 में मरने वाले शेरों में सबसे अधिक शावक हैं

2021 में जिन 124 शेरों की मौत हुई उनमें 32 शेर 32 शेरनी और 61 शावक यानी शेर के बच्चे थे जिनकी मौत हुई। वहीं 2022 में कुल 116 शेरों की मौत हुई जिनमें 21 शेर, 28 शेरनी और 62 शावक शामिल हैं। इन आंकड़ों पर गौर करें तो मरने वाले शेरों में अधिकांश मरने वाले शावक हैं।