सूरत का यह प्राचीन मंदिर जहां संतान की प्राप्ति के लिए पहुंचते हैं लोग, जाने पंडित जी ने क्या कहा ?

सूरत का यह प्राचीन मंदिर जहां संतान की प्राप्ति के लिए पहुंचते हैं लोग, जाने पंडित जी ने क्या कहा ?
Shubham Pandey JHBNEWS टीम,सूरत 2025-02-26 09:42:57

सूरत के नानपुरा क्षेत्र में स्थित प्राचीन ताप्तेश्वर महादेव का मंदिर भक्तों के दिलों के करीब है, और इसकी रोचक गाथा के कारण यह लोकप्रिय है। लोककथाओं के अनुसार, 700 साल पहले भावनगर के राजा ने पूरी रात तप किया था, और उसी आधार पर इस मंदिर का नाम ताप्तेश्वर महादेव पड़ा था। गुजरात में कई प्रसिद्ध शिवालय और महादेव के मंदिर हैं, जो भक्तों के आस्था का केंद्र बने हुए हैं। उनमें से सूरत के नानपुरा क्षेत्र में स्थित ताप्तेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर भी है।

700 साल पहले भावनगर के राजा ने पूरी रात तप किया था और इस आधार पर ताप्तेश्वर महादेव मंदिर का नाम पड़ा था। 700 साल पहले सूरत एक प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह था। उस समय नानपुरा भाटिया मोहल्ले में अनाज के गोदाम थे, जहां व्यापार के लिए भावनगर के राजा एक दिन सूरत आए थे। उन्होंने नानपुरा के नावड़ी ओवारा में एक रात का ठहराव लिया था। इस दौरान भोलेनाथ ने उन्हें स्वप्न में आकर दर्शन दिए और यहां महादेव के मंदिर की जगह शिवलिंग होने का संकेत दिया, जिसके बाद राजा ने शिवलिंग को ढूंढकर उसका जीर्णोद्धार कराया।

जानकारी के अनुसार, राजा ने एक रात का तप किया था, इसलिए इस महादेव को ताप्तेश्वर नाम दिया गया था। इसके बाद राजा ने अपने गोरा महाराज रेवाशंकर रामशंकर पंडयाजी को मंदिर का कार्यभार सौंपा था। मंदिर के महराज की 11वीं पीढ़ी आज भी इस मंदिर से जुड़ी हुई है। मंदिर के महराज दिव्येशदत्त किरीटदत्त शुकल ने बताया कि, "हमारे 11वीं पीढ़ी के लोग आज भी इस मंदिर के साथ जुड़े हुए हैं।" इस मंदिर की पुरातनता के कारण लोगों की आस्था इस से और भी जुड़ी हुई है।

आधिकारिक ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन मंदिर में दक्षिणमुखी शिवलिंग है, और ताप्तेश्वर महादेव मंदिर में भी दक्षिणमुखी शिवलिंग है, जिसका उल्लेख ताप्तीपुराण में भी किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि, "महाशिवरात्रि में सवा लाख बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं। इसके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। संतान प्राप्ति नहीं होने वाले भक्त यहां आकर महादेव के आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आज महाशिवरात्रि में हजारों की संख्या में लोग महादेव के दर्शन और बाधाएं दूर करने के लिए यहां आते हैं।"