ADR Report : भाजपा देश की सबसे अमीर राजनीतिक पार्टी, जानिए कितनी होती है कमाई?

New Delhi: वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भाजपा को देश में सबसे ज्यादा 4340.47 करोड़ रुपये का फंड मिला है। इस राशि के साथ भाजपा धन प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों में शीर्ष पर है। एडीआर द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। भाजपा ने घोषणा की थी कि उसे वर्ष 2023-24 के दौरान 4340.47 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह भी स्पष्ट किया गया कि इसका केवल 50 प्रतिशत ही खर्च किया गया है।
एडीआर ने कहा कि भाजपा ने प्राप्त कुल धनराशि का 50 प्रतिशत यानि लगभग 2211.59 करोड़ रुपये खर्च नहीं किया है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में कांग्रेस को 1225.12 करोड़ रुपये का चंदा मिला था। जिसके सापेक्ष 1025 करोड़ रूपये व्यय किये गये, जो कुल आय का 83 प्रतिशत है। सभी दलों को चुनावी बांड से सबसे अधिक धनराशि प्राप्त हुई। चुनावी बांड से भाजपा को सबसे अधिक 1685.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, उसके बाद कांग्रेस को 825.36 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी को 10.15 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इन तीनों दलों को चुनावी बांड से कुल 2524 करोड़ रुपये या लगभग 43 प्रतिशत धन प्राप्त हुआ।
आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने वर्ष 2023-24 के दौरान 1,754.06 करोड़ रुपये खर्च किए, जो 2022-23 में खर्च किए गए 1,092 करोड़ रुपये से 60 प्रतिशत अधिक है। इसकी तुलना में कांग्रेस ने 2023-24 के दौरान 619.67 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 2022-23 में उसने 192.56 करोड़ रुपये खर्च किए थे। लोकसभा चुनाव की घोषणा 16 मार्च 2024 को हुई थी।
आयोग को दी गई ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने 2023-24 के दौरान कुल 1,225.11 करोड़ रुपये का धन प्राप्त किया, जिसमें चंदा, दान और अंशदान के माध्यम से मिले 1129.67 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसमें 31 मार्च, 2024 को समाप्त वर्ष के दौरान चुनावी बॉण्ड के माध्यम से प्राप्त 828.36 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉण्ड की व्यवस्था पर रोक लगा दी थी।
पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द कर दिया था। एक आरटीआई में बैंक ने एडीआर को जवाब दिया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों ने 1.5 करोड़ रुपये वापस किए हैं। 4507 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया गया है। जिसमें राष्ट्रीय दलों की राशि 2524.13 करोड़ रुपये यानी 55.99 प्रतिशत है। कांग्रेस ने चुनाव संबंधी व्यय पर सबसे अधिक लगभग 619 करोड़ रुपये खर्च किये, जबकि प्रशासनिक और सामान्य व्यय पर 340 करोड़ रुपये खर्च किये गये। सीपीआईएम को 56 करोड़ रुपये का प्रशासनिक व्यय उठाना पड़ा। जबकि कर्मचारियों पर 47 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
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