ISRO creates history : इसरो ने नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च के साथ 100वां मिशन पूरा किया, जानिए इसकी ख़ासियत ?

Shriharikota: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने अपने 100वें मिशन के तहत एक नया नेविगेशन सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्च किया है. प्रक्षेपण को दक्षिण भारत के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र भेजा गया है। इस मिशन के तहत जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV-F15) को सुबह 6.23 बजे लॉन्च किया गया। जिसने नेविगेशन सैटेलाइट NVS-02 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
इस मिशन की सफलता इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 10 अगस्त, 1979 को श्रीहरिकोटा से पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV) मिशन के बाद से 46 वर्षों में, इसरो ने एक लंबा सफर तय किया है। जीएसएलवी-एफ15 और एनवीएस-02 उपग्रह भारत के नेविगेशन सिस्टम को मजबूत करेंगे।
NVS-02 मिशन क्या है?
इस रॉकेट से एक विशेष नेविगेशन उपग्रह लॉन्च किया गया है, जो आम आदमी के लिए स्वदेशी जीपीएस सिस्टम में क्रांति ला देगा। इसे NVS-02 सैटेलाइट नाम दिया गया है. यह भारतीय नेविगेशन सिस्टम (NAVIC) का हिस्सा है और दूसरी पीढ़ी का उपग्रह है। इसका लक्ष्य भारत और उसके आसपास 1500 किमी की दूरी तक सटीक स्थिति, वेग और समय सेवाएं प्रदान करना है।
इसकी खासियत क्या है?
एनवीएस-02 उपग्रह प्रौद्योगिकी के मामले में उन्नत है। इसका वजन 2250 किलोग्राम है और यह तीन किलोवाट तक बिजली झेल सकता है। इसमें नेविगेशन के लिए L1, L5 और S बैंड पेलोड शामिल हैं, जो इसकी सेवाओं को और बढ़ाएंगे। इसके अलावा यह सैटेलाइट L1 फ्रीक्वेंसी बैंड को सपोर्ट करता है, जिससे इसकी विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
आप JHBNEWS हिंदी को यहां सोशल मीडिया पर फ़ॉलो कर सकते हैं